Kumbh mela 2019 : 2013 के कुंभ में आई थीं, उसी के बाद तो सांसद बनी : हेमा मालिनी

सिने तारिका और सांसद हेमा मालिनी कुंभ की दिव्यता से अभिभूत दिखीं। कहा कि पिछले कुंभ में आने के बाद सांसद बनी थीं। इस बार भी कुंभ है और आगे चुनाव भी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 25 Jan 2019 12:31 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jan 2019 02:01 PM (IST)
Kumbh mela 2019 : 2013 के कुंभ में आई थीं, उसी के बाद तो सांसद बनी : हेमा मालिनी
Kumbh mela 2019 : 2013 के कुंभ में आई थीं, उसी के बाद तो सांसद बनी : हेमा मालिनी

रवि उपाध्याय, कुंभ नगर :... हां याद आया। चार-पांच साल पहले ही मैं यहां आई थी। पिछला कुंभ कब था...। 2013 में..। उसी के बाद मैं सांसद बनी। अब फिर आई हूं। चुनाव नजदीक है...। फिल्म अभिनेत्री एवं सांसद हेमामालिनी कुंभ की दिव्यता से अभिभूत दिखीं। उन्होंने मुस्कुराकर पूछा कि सब कुछ कितना भव्य है न...। फिर सवाल दागा कि भीड़ कुछ कम है क्या...? फिर जवाब भी दिया कि शायद मेला अबकी बहुत बड़े क्षेत्र में फैला गया है। प्रियंका गांधी की राजनीति में सक्रियता के सवाल पर वे आगे बढ़ गईं। अपनों से पूछा आप सबने भोजन किया कि नहीं..।

जूना पीठाधीश्वर के शिविर में रुकी हैं

हेमामालिनी एक दिन पहले ही कुंभ नगर में पहुंच गई थीं। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि के शिविर में रुकी हैं। उन्होंने अपने परिजनों के साथ संगम में डुबकी लगाई। उसके पहले उन्होंने सेक्टर 4 में संगम तट पर जूना की आचार्य गद्दी पर पूजा-अर्चना की। दिन में उन्होंने कुंभ की भव्यता को घूम-घूम कर देखा। शाम को गंगा पंडाल में गंगा अवतरण पर अपनी नृत्य प्रस्तुति दी। देर रात वापस अवधेशानंद गिरि के शिविर में वे पहुंचीं तो दिनभर की थकान उनके चेहरे पर दिख रही थी। शिविर में भीड़ ने उन्हें घेरा तो उन्होंने अपनों से कहा चलें अंदर।

कहा, अबकी सब कुछ अच्छा लग रहा है

इनके सबके बीच दैनिक जागरण से औपचारिक बातचीत में उन्होने कहा कि अबकी सब कुछ बहुत अच्छा लग रहा है। यह शिविर तो बहुत अदभुत है। पिछले मेले से अबकी क्या फर्क दिखा के सवाल पर उन्होंने कहा कि सब कुछ बदला लग रहा है। मेला शायद 45 किमी में फैल गया है। रामजन्म भूमि पर मंदिर के निर्माण के सवाल को वे टाल गईं। कहा इस पर कभी बात होंगी। हेमामालिनी शुक्रवार को भी इसी शिविर में रुकने की इच्छा है। यहां पूजा-पाठ एवं उनका भिक्षा देने का कार्यक्रम है। प्रवचन सुनेंगी और अपनों से मिलेंगी।

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