Health News: अगर कोविड ठीक होने के बाद भी लगातार आ रही है खांसी तो कराएं सीटी स्कैन

जिन्हें पहली और दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण हुआ और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद वे स्वस्थ हो चुके हैं उनमें कफ खांसी सांस फूलने सहित तमाम तरह की दिक्कतें अब भी बनी हैं। ऐसे लोगों को न चाहते हुए भी डाक्टरों के संपर्क में रहना ही पड़ रहा है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 07:00 AM (IST)
Health News: अगर कोविड ठीक होने के बाद भी लगातार आ रही है खांसी तो कराएं सीटी स्कैन
कफ, खांसी, सांस फूलने सहित तमाम तरह की दिक्कतें अब भी बनी हैं।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जिन्हें पहली और दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण हुआ और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद वे स्वस्थ हो चुके हैं उनमें कफ, खांसी, सांस फूलने सहित तमाम तरह की दिक्कतें अब भी बनी हैं। ऐसे लोगों को न चाहते हुए भी डाक्टरों के संपर्क में रहना ही पड़ रहा है। यह समस्या कब तक बनी रहेगी और फेफड़े की सेहत कितनी खराब हो चुकी है इसको लेकर लोग चिंतित हैं। जबकि डाक्टरों का कहना है कि लोग चिंता बेवजह कर रहे हैं। कुछ ऐसी सुकून भरी जानकारी रविवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में चेस्ट फिजीशियन डा. अमिताभ दास शुक्ला ने दी। पेश है पाठकों के सवाल और जवाब के प्रमुख अंश।

सवाल : माता जी 62 साल की हैं। उन्हें खांसी छह साल से आ रही है। बैठने और लेटने पर सांस लेने मेें दिक्कत होती है।

प्रमोद त्रिपाठी, कौडि़हार

जवाब : इनके फेफड़े में कोई दिक्कत लग रही है। अस्पताल लाएं, जांच होना आवश्यक है। इन्हें इन्हेलर जरूर दें। एक बार किसी हार्ट स्पेशलिस्ट को भी दिखा दीजिए।

सवाल : मैं अप्रैल माह में कोरोना पाजिटिव हो गया था। वह तो ठीक हो गया। अब कभी-कभी खांसी आती है।

डा. एके राय, विभागाध्यक्ष कुलभाष्कर आश्रम पीजी कालेज

जवाब : आपको सांस की भी कोई दिक्कत महसूस हो रही है तो एसआरएन आकर सीटी स्कैन और चेस्ट एक्सरे करवा लेें। जांच रिपोर्ट लेकर ओपीडी में आकर दिखाएं।

सवाल : तीन साल का बेटा है। चलते व खेलते हुए गिर जाता है तो उसकी सांस रुकने लगती है। नाक दबाने पर सांस ठीक हो पाती है। क्या करें।

अंजू देवी, खागा फतेहपुर

जवाब : बच्चों को ऐसी दिक्कत अक्सर हो जाती है। इसे एप्निक स्पेल कहते हैं। उसे चिल्ड्रेन अस्पताल ले जाकर शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखाइए। ठीक हो जाएगा।

सवाल : मैं 58 साल का हूं। अप्रैल माह में कोरोना हो गया था। अब भी कभी-कभी सांस फूलती है। क्या मैं वैैक्सीन लगवा सकता हूं।

विनोद कुमार श्रीवास्तव, अल्लापुर

जवाब : आपको चेस्ट का सीटी स्कैन कराना होगा। अगर आप स्टेरायड नहीं ले रहे हैं तो कोरोना रोधी वैक्सीन लगवा सकते हैं।

सवाल : कोई ठंडी चीज खा लेते हैं तो सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। सर्दी के मौसम में यह समस्या बढ़ जाती है। बृजेंद्र कुमार, पुलिस लाइन

जवाब : ज्यादा चिंता वाली बात नहीं है। आपको एलर्जी की समस्या लग रही है। हालांकि एक बार सीटी स्कैन और फेफड़े के फंक्शन का टेस्ट करा लें।

सवाल : सीने के नीचे दाहिनी तरफ चुभन होती है। गैस भी अधिक बनती है। क्या करें।

रामकैलाश, प्रतापगढ़

जवाब : आप लीवर और चेस्ट का एक्सरे करा लें। शरीर में यह दोनों अंग आसपास ही होते हैं। रिपोर्ट लेकर अस्पताल आइए।

सवाल : मुझे अप्रैल में कोरोना संक्रमण हो गया था। वह तो ठीक हो गया। उसके बाद से हमेशा सर्दी जुखाम बना रहता है। दवा खाने पर ही आराम मिलता है।

कंचन मिश्रा, ओम गायत्री नगर

जवाब : आपको ब्लड टेस्ट कराने की आवश्यकता है। प्रतीत हो रहा है कि आपको किसी चीज से एलर्जी है।

सवाल : अप्रैल में मुझे कोरोना हो गया था। वह तो ठीक हो गया लेकिन कान में दर्द होने लगा है। खांसी आती है तो चेस्ट में भी दर्द महसूस होता है।

अर्जुन राय, ममफोर्डगंज

जवाब : आपने अब तक जो भी बातें बताई हैं उससे आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि आप एसआरएन आ जाइए। आपकी चेस्ट का एक्सरे करा लेते हैं लंग्स फंक्शन टेस्ट भी कराएंगे। उसी रिपोर्ट के आधार पर पता चलेगा कि आपको दिक्कत क्यों हो रही है।

सवाल : किसी को कोरोना संक्रमण हो जाता है और फेफड़े तक पहुंच जाता है। इसमें क्या सावधानी बरतें और संक्रमण न हो इसके लिए भी क्या सावधानी बरतें।

डा. स्नेह सुधा, केपी गल्र्स इंटर कालेज

जवाब : अगर कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं तो फौरन जांच करवाएं। बिना समय गंवाए। और तुरंत इलाज शुरूकराएं। यही सावधानी बरतनी होगी। यदि स्वस्थ हैं तो मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें।

सवाल : किसी ने वैक्सीन लगवा ली है तो कितना संभव है उसे फेफड़े में संक्रमण नहीं पहुंचेगा।

अनुराग यादव, नार्थ मलाका

जवाब : कोरोना रोधी वैक्सीन बहुत ही प्रभावशाली है। इसे जिसने लगवा लिया उसे भविष्य में कोरोना संक्रमण हो भी गया तो संभव है कि लक्षण न दिखें और कोरोना मामूली रूप से छू कर ही निकल जाएगा।

सवाल : मेरी माता जी के सीने में कफ जम जाता है। खांसी आने लगती है और दर्द भी महसूस होता है।

अरुण प्रकाश, सोरांव

जवाब : माता जी को चूल्हे के धुएं से बचाएं। उन्हें इन्हेलर देते रहिए और खांसी आनी बंद नहीं हो रही है तो डाक्टर को दिखाएं। हो सकता है कि उनका इलाज लंबा चले।

सवाल : चेस्ट में बायीं ओर दर्द होता है। मेरी उम्र 40 साल है।

अमरनाथ, जानसेनगंज

जवाब : आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। बस आप एक बार एसआरएन के हृदय रोग विभाग में जाकर जांच करा लें।

सवाल : मुझे सीने में दर्द रहता है, सीटी स्कैन करा चुके हैं और एक्सरे भी। उसमें कुछ पता नहीं चला।

उर्मिला, सिकंदरा

जवाब : माता जी, आप स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में ओपीडी में आकर दिखाइए। आपके चेस्ट की जांच करानी पड़ेगी।

सवाल : मुझे खांसी आती है। कभी-कभी मिर्च मसाला खा लेती हूं तो मुंह से खून निकलने लगता है। सर्दी जुखाम भी जल्दी-जल्दी हो जाता है।

जया, राजीव नगर तेलियरगंज

जवाब : आपके चेस्ट में कोई समस्या जरूर है जिससे ऐसा हो रहा है। आप एसआरएन आइए। जांच कराकर रिपोर्ट देखेंगे कि मुंह से बार-बार खून क्यों आ रहा है।

सवाल : सीने में कफ जमा है। कभी-कभी दर्द महसूस होता है।

पुष्पा, अल्लापुर।

जवाब : आपको अस्थमा की समस्या लग रही है। हो सकता है कि किसी चीज से आपको एलर्जी भी हो। आपको इन्हेलर की आवश्यकता है।

सवाल : मुझे अप्रैल में कोरोना हो गया था। अब गहरी सांस लेने में दिक्कत होती है।

प्रिया गोस्वामी, सुलेमसराय

जवाब : कोरोना संक्रमण हो जाने पर फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। यह आम बात है। आप ज्यादा परेशान न हों। फेफड़े की सामान्य से फिजियोथेरेपी होती है। उससे इन समस्याओं से ग्रसित लोगों को आराम मिल रहा है।

यह भी जानें

-धूमपान करने वालों के लिए कोरोना का खतरा ज्यादा है।

-जिन्हें मधुमेह है वह भी कोरोना से सावधानी बरतें।

-घरों में महिलाएं लकड़ी, कंडे के धुएं से बचाव करें।

-कोरोना से बचने के लिए घर लौटने पर सैैनिटाइज हों।

-पहले से कोई गंभीर बीमारी हो तो ज्यादा सावधानी बरतें।

-महिलाएं नशा नहीं करती हैं उनमें संक्रमण का खतरा कम है।

ऐसे जानें फेफड़े की स्थिति

जलती हुई मोमबत्ती एक मीटर दूर रखकर मुंह से फूंकें। यदि लौ तक फूंक का असर पहुंच गया तो समझें कि आपका फेफड़ा पूरी तरह सेहतमंद है। और आधे मीटर पर मोमबत्ती रखकर फूंके। यदि लौ पर थोड़ा असर पड़े तो समझिए कि फेफड़ा कमजोर है।

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