इनके हौसले को सलाम, खुद कोरोना से लड़ी जंग और अब दूसरों को बचाने में जुटीं हैं महिला कांस्टेबल
परिवार की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही पूरी निष्ठा के साथ ड्यूटी करने वाली महिला पुलिस कर्मियों के कदम कोरोना महामारी में नहीं डगमगाए। वो खुद भी कोरोना की चपेट में आ गई। इलाज किया और जब स्वस्थ हुईं तो फिर ड्यूटी पर तैनात हो गईं
प्रयागराज, जेएनएन। परिवार की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही पूरी निष्ठा के साथ ड्यूटी करने वाली महिला पुलिस कर्मियों के कदम कोरोना महामारी में नहीं डगमगाए। वो खुद भी कोरोना की चपेट में आ गई। इलाज किया और जब स्वस्थ हुईं तो फिर ड्यूटी पर तैनात हो गईं। महिला मुख्य आरक्षी गीता चौधरी को ड्यूटी के दौरान ही बुखार महसूस हुआ। जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इससे वह विचलित नहीं हुईं। घर में ही होम आइसोलेशन में चली गईं। दवा ली, योगा किया और पौष्टिक आहार लिया। दो सप्ताह बाद ठीक हो गईं तो वह अपनी ड्यूटी पर पहुंच गई।
परिवार के बारे में सोचा तो अपनी घबराहट भूल गईं
मुख्य आरक्षी सिंह यादव भी कोरोना को हराकर ड्यूटी पर मुस्तैद हैं। सिंधु का कहना है कि उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो पहले वह घबरा गईं, लेकिन परिवार के बारे में सोचा तो अपनी घबराहट भूल गईं। होम आइसोलेशन में रहीं और अपने मनोबल को बनाए रखा। जिसका परिणाम यह हुआ कि वह जल्द ही स्वस्थ हो गईं। अपनी ड्यूटी पर भी लौटीं और अब वे लोगों को कोरोना से बचने के लिए सचेत करती हैं। आरक्षी जमीला को कोरोना हुआ तो घरवाले परेशान हो गए। जमीला ने खुद को होम आइसोलेशन करते हुए परिवार के सदस्यों से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। इसके बाद डॉक्टरों की सलाह लेते हुए दवाएं और खानपान पर ध्यान दिया, जिसके बाद बीमारी को उन्होंने पराजित कर दिया। इसी प्रकार कई और महिला पुलिसकर्मी हैं, जो कोरोना से पीडि़त हुईं और फिर बीमारी को मात देकर मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी कर रही हैं।