हरिवंश राय बच्‍चन और तेजी बच्‍चन 24 जनवरी 1942 को जिला कचहरी प्रयागराज में विवाह के पवित्र बंधन में बंधे थे

हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन की मुलाकात दिसंबर 1941 में बरेली में हुई थी। तेजी कविताओं की शौकीन थीं और बच्चन की कविताओं की प्रशंसक थीं। वे लाहौर के फतेहचंद कालेज में मनोविज्ञान पढ़ाती थीं। तेजी बरेली अपनी प्राचार्या के घर आई थीं।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 07:00 AM (IST)
हरिवंश राय बच्‍चन और तेजी बच्‍चन 24 जनवरी 1942 को जिला कचहरी प्रयागराज में विवाह के पवित्र बंधन में बंधे थे
हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन की मुलाकात दिसंबर 1941 में बरेली में हुई थी।

प्रयागराज, जेएएनएन। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन एवं उनकी मां तेजी का विवाह प्रयागराज की जिला अदालत में हुआ था। इन्होंने 24 जनवरी 1942 को शादी की थी। इस विवाह में कुल 800 रुपये खर्च हुए थे। उस समय इस शादी को लेकर काफी चर्चा हुई थी। तब का समाज ऐसे विवाह को मान्यता नहीं देता था।

बरेली में हुई थी मुलाकात, हरिवंश राय बच्‍चन की कविताओं की प्रशंसक थीं तेजी बच्‍चन
1984 के लोकसभा चुनाव में महानायक अमिताभ बच्चन ने इलाहाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था। उस दौरान उनके नजदीक रहे इलाहाबाद मंडल विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष रमेश पांडेय बताते हैं कि चुनाव के समय उनकी तेजी बच्चन से मुलाकात हुई थीं। वे बताते हैं कि हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन की मुलाकात दिसंबर 1941 में बरेली में हुई थी। तेजी कविताओं की शौकीन थीं और बच्चन की कविताओं की प्रशंसक थीं। वे लाहौर के फतेहचंद कालेज में मनोविज्ञान पढ़ाती थीं। तेजी बरेली अपनी प्राचार्या के घर आई थीं। वहीं प्राचार्या के पति ज्ञान प्रकाश जौहरी से मिलने हरिवंश राय बच्चन आए थे। दोनों ही दोस्त थे। यहीं पहली मुलाकात के बाद दोनों में प्रेम हो गया था।

विवाह में खर्च हुए थे आठ सौ रुपये

उस समय हरिवंश राय बच्चन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग में शिक्षक थे। कुछ दिन की मुलाकात के बाद दोनों ने विवाह का फैसला कर लिया। 24 जनवरी 1942 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) की जिला अदालत दोनों विवाह सूत्र में बंध गए थे। विवाह में वर और वधू दोनों ने बराबर खर्च किया था। विवाह में 800 रुपये खर्च हुए थे। इसमें 400-400 रुपये दोनों ने शेयर किया था। पांडेय बताते हैं कि हरिवंश राय बच्चन का तेजी से यह दूसरा विवाह हुआ था। उनकी पहली पत्नी श्यामा की बीमारी की वजह से मौत हो गई थी।


पटियाला के राजस्व मंत्री थे तेजी के पिता
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन इतिहास विभाग के अध्यक्ष रहे प्रो.योगेश्वर तिवारी बताते हैं तेजी सिख परिवार की थीं। उनके पिता खजान सिंह वकील थे। वे लंदन से बैरिस्टरी पढ़ कर आए थे। उन्होंने लायलपुर में वकालत की और  पटियाला के राजस्व मंत्री बने थे। बाद में वे लाहौर बस गए थे। यह विवाह खजान सिंह की मर्जी के खिलाफ हुआ था। प्रो.तिवारी बताते हैं कि तेजी बच्चन को भी नाटक एवं गायन का शौक था। कालेज के दिनों में उन्होंने कई नाटकों में रोल किया था। विवाह के बाद भी उन्होंने इलाहाबाद एवं दिल्ली में कई बार मंचों पर अभिनय किया था। हरिवंश राय बच्चन ने शेक्सपीयर के कई नाटकों का अनुवाद किया था। उसका मंचन भी तेजी बच्चन ने किया था। अपनी मां से ही अमिताभ बच्चन ने अभिनय का गुण पाया है।  


नेहरू से कराई थी पति की मुलाकात
प्रो.तिवारी बताते हैं कि तेजी बच्चन सामाजिक कार्यों में भी बहुत रुचि लेती थीं। आनंद भवन में उस समय होने वाली गतिविधियों में भी भाग लेती थीं। आनंद भवन में ही उनकी मुलाकात जवाहर लाल नेहरू से हुई थी। उन्होंने हरिवंश राय बच्चन की मुलाकात नेहरू से कराई थी।

chat bot
आपका साथी