GST Council: कैट प्रदेश अध्‍यक्ष ने जीएसटी में सुधार के लिए जीएसटी काउंसिल को संबोधित ज्ञापन सौंपा

GST Council कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल के नेतृत्व में व्यापारियों ने जीएसटी काउंसिल को संबोधित ज्ञापन राज्य वस्तु एवं सेवा कर के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड 1 को 15 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इसके माध्‍यम से जीएसटी को और सरल बनाने की मांग की।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 04:27 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 04:27 PM (IST)
GST Council: कैट प्रदेश अध्‍यक्ष ने जीएसटी में सुधार के लिए जीएसटी काउंसिल को संबोधित ज्ञापन सौंपा
कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल के नेतृत्व में व्‍यापारियों ने ज्ञापन सौंपा।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल के नेतृत्व में व्यापारियों का प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन जीएसटी काउंसिल को संबोधित सौंपा। कैट प्रदेश अध्‍यक्ष ने राज्य वस्तु एवं सेवा कर के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड 1 को 15 सूत्रीय ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया कि 1 जुलाई 2017 से देश में जीएसटी कर व्यवस्था को लागू किया गया। तब से अब तक 1185 से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं फिर भी व्यापारियों के मध्य जीएसटी आज भी एक अबूझ पहेली की तरह है।

ज्ञापन के माध्‍यम से कैट के प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि जीएसटी लागू होने के 4 वर्ष तक जीएसटीआर-2 को स्थगित रखा गया। इसके कारण व्यापारी पोर्टल पर अपनी खरीद नहीं देख सका। अब वर्ष 2017-18 के अंतर्गत इनपुट टैक्स क्रेडिट के मिसमैच को लेकर धारा 61 के अंदर व्यापारियों को नोटिस दी जा रही है जो सर्वथा गलत है। सभी नोटिस को तत्काल वापस लेने की मांग की है।

कैट प्रदेश अध्‍यक्ष बोले कि वर्तमान में लागू की गई जीएसटी एमनेस्टी योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन को रिवोक करने की अनुमति 1 जुलाई 2017 से दी जाए तथा धारा 16 (4) के लाभ भी दिए जाएं। जीएसटी में 'एक देश एक कर' ही नहीं अपितु एक प्राधिकरण की स्थापना की जानी चाहिए। चूंकि जीएसटी को लागू हुए 5 वर्ष होने वाले हैं, अतः जीएसटी को सरल बनाने के लिए प्रयास किया जाए। विक्रेता द्वारा रिटर्न भरने में चूक होने के कारण या टैक्स न भरने पर खरीदार पर से कर दायित्व को समाप्त किया जाना चाहिए।

ज्ञापन के माध्यम से यह भी मांग रखी कि ट्रांसपोर्ट पर से रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म (आरसीएम) को समाप्त किया जाए और कर की वसूली ट्रांसपोर्ट कंपनियों की बिल्टी पर ट्रांसपोर्टर से की जाए। साथ ही मांग किया कि व्यापार के लिए किए जाने वाले प्रत्येक व्यय पर दिए गए टैक्स का इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलना चाहिए। यह भी मांग की गई कि यदि जीएसटी अधिनियम में सरकार ने अपनी सुविधा के अनुरूप 1185 से अधिक संशोधन किए हैं तो व्यापारियों को भी अगला रिटर्न दाखिल करने से पूर्व रिटर्न में संशोधन की सुविधा मिलनी चाहिए। समाधान योजना को 1.5 करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ किया जाए। साथ ही टैक्स की दर एक फीसद की जगह आधा प्रतिशत होनी चाहिए। सभी राज्यों में द्वितीय अपील अधिकरण का तत्काल प्रभाव से गठन किया जाए ।

पोर्टल पर कैश लेजर की व्यवस्था को समाप्त कर उसे कैश वालेट में परिवर्तित करने की भी मांग की गई। राज्य कर विभागों के द्वारा नए रजिस्ट्रेशन के संबंध में समय सीमा समाप्त होने की दशा में अनावश्यक आपत्तियां लगाते हुए पंजीयन आवेदन को निरस्त कर दिया जाता है। अतः इसे व्यवस्था को केंद्रीय जीएसटी के अंदर लाया जाना चाहिए।

ज्ञापन देने वालों में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष विभु अग्रवाल, प्रयागराज के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल, कंप्यूटर डीलर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सौरभ गुप्ता, पान सामग्री विक्रेता संघ के अध्यक्ष संदीप जयसवाल, उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष शिव विशाल गुप्ता के अतिरिक्त के के अग्रवाल, आशीष केसरी, संदीप अग्रवाल, इलाहाबाद डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के महामंत्री अशोक अग्रवाल, राहुल गुप्ता, अनु पांडेय, जय किशन चौरसिया आदि रहे।

महेन्द्र गोयल

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