लकालक गंगा गांवों में कचरा निस्तारण प्लांट से आएगी हरियाली
शहर की भांति अब गांवों में भी कचरा निस्तारण प्लांट लगाया जाएगा। सरकार की मंशा है कि इसके माध्यम से गांवों में हरियाली व साफ सफाई हो सकेगी।
जासं, इलाहाबाद : जिस तरह शहर में निकलने वाले कूड़े और कचरे के निस्तारण के लिए कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया गया है। उसी तरह अब गंगा ग्रामों में भी कूड़े और कचरे के एकत्रीकरण एवं निस्तारण के इंतजाम किए जाएंगे। जिले के 111 गंगा ग्रामों में कूड़ा निस्तारण घर बनाने की योजना है। पंचायत विभाग की ओर से तैयार डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को शासन ने मंजूरी देते हुए तीन गंगा ग्रामों में कूड़ा निस्तारण घर बनाने के लिए बजट की स्वीकृति भी दे दी है।
जो गांव गंगा के किनारे बसे हैं। उन गांवों की सफाई, ड्रेनेज व्यवस्था बेहतर करने के साथ हरियाली पर भी शासन का जोर है, क्योंकि ऐसे गांवों में कूड़ा प्रबंधन और ड्रेनेज व्यवस्था बेहतर न होने से सारी गंदगी गंगा में जाती है, जिससे गंगा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती है। ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के तहत पंचायत विभाग ने जिले के उन 111 गंगा ग्रामों में कूड़ा निस्तारण और ड्रेनेज व्यवस्था की योजना बनाई है, जो खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किए जा चुके हैं। हालांकि, अभी तीन गंगा ग्रामों कौडि़हार विकास खंड के श्रृंगवेरपुर, हंडिया विकास खंड के लाक्षागृह और बहादुरपुर के ककरा उपरहार में कूड़ा निस्तारण घर और ड्रेनेज व्यवस्था के लिए 20 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है। बाकी रकम राज्य वित्त आयोग, मनरेगा और 14 वां वित्त आयोग से खर्च की जाएगी। कचरे को सड़ाकर उसकी कंपोस्ट बनाई जाएगी। गांवों में कंपोस्ट की खपत होने से इसकी बिक्री भी की जाएगी।
कूड़े-कचरे के निस्तारण के लिए कंपोस्ट और ड्रेनेज के लिए सोख्ता गड्ढे बनाए जाएंगे। नालियों को सोख्ता गड्ढे से जोड़ा जाएगा, ताकि गंदगी और पानी न गांव में फैले और न ही गंगा में जाने पाए। यह योजना गांवों के ओडीएफ होने के बाद के लिए है।
-अनिल त्रिपाठी, जिला पंचायत राज अधिकारी।