संगमनगरी के ताज यानी ऐतिहासिक विजयनगरम् हॉल का दीदार करेंगी राज्यपाल, अद्भुत नक्काशी और खूबसूरती से लिपटा है यह हॉल

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय स्थित अद्भुत नक्काशी और खूबसूरती से लिपटा ऐतिहासिक विजयनगरम् हॉल सज चुका है। इंतजार है केवल चार मार्च का। संगमनगरी के ताजमहल का दीदार करने खुद इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की चीफ रेक्टर यानी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल आ रही हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 07:00 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 08:18 AM (IST)
संगमनगरी के ताज यानी ऐतिहासिक विजयनगरम् हॉल का दीदार करेंगी राज्यपाल, अद्भुत नक्काशी और खूबसूरती से लिपटा है यह हॉल
विज्ञान संकाय स्थित अद्भुत नक्काशी और खूबसूरती से लिपटा ऐतिहासिक विजयनगरम् हॉल सज चुका है।

प्रयागराज, जेएनएन।  इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय स्थित अद्भुत नक्काशी और खूबसूरती से लिपटा ऐतिहासिक विजयनगरम् हॉल सज चुका है। इंतजार है केवल चार मार्च का। संगमनगरी के 'ताजमहल का दीदार करने खुद इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की चीफ रेक्टर यानी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल आ रही हैं। इसलिए अमूमन हर रोज प्रशासनिक अफसर बाकी कामों का जायजा लेने पहुंच रहे हैं। प्रस्तुत है विजयनगरम् हॉल की तमाम खासियत को सुनहरी यादों को समेटती हुई दैनिक जागरण की खास रिपोर्ट...। 

कभी तय करता था प्रदेश की तकदीर

ब्रिटिश हुकूमत में सूबे की तकदीर यहीं से तय होती थी। उत्तर प्रदेश नॉर्थ वेस्टर्न प्रेसिडेंट एंड अवध विधानमंडल की तीन बैठक हुई थी। अल्फ्रेड लाल की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति और बालिकाओं को शिक्षित करने का प्रस्ताव तैयार हुआ था।  

ताज के बाद विजयनगरम् ही सबसे खूबसूरत

मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के प्रो. योगेश्वर तिवारी कहते हैं कि ऑर्किटेक्ट विलियम इमरसन ने कहा था कि सौंदर्यता में ताजमहल के बाद विजयनगरम् हॉल ही सबसे खूबसूरत है। इसे संवारने का काम शुरू किया पर नहीं हुआ।  

कई बार दिया जा चुका है राज्यपाल को न्यौता

कई साल से राज्यपाल को कई बार न्यौता दिया जा चुका है। पूर्व कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू के कार्यकाल में तिथि तय हुई थी। किन्हीं कारणों से राज्यपाल नहीं आ सकी। कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी ने भी प्रयास किया। 

खास बातें

4 मार्च को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल करेंगी लोकार्पण

8 अप्रैल 1886 को लॉर्ड डफरिन ने किया था हॉल का उद्घाटन

12 साल का वक्त लगा था विजयनगरम् हॉल के निर्माण में

19 दिसंबर 1873 को विज्ञान संकाय में रखी थी हॉल की नींव

31 राजाओं के नाम पत्थर पर लिखकर लगवाए गए थे यहां 

7.05 करोड़ मिले थे जीर्णोद्धार के लिए 2015 में

8.90 लाख उस दौर में लगे थे निर्माण कार्य में।

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