पौधारोपण की हकीकत देखेगी शासन की टीम, प्रतापगढ़ के अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

कितने पौधे रोपे गए वह किस हाल में हैं कितने नष्ट हो गए मानक के अनुसार पौधों का चयन हुआ कि नहीं इसे देखने के लिए शासन स्तर पर अनुश्रवण समिति बनी है। इसमें सभी सहयोगी विभागों के अफसर शामिल किए गए हैं। इसकी एक टीम यहां आने वाली है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 05:26 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 05:26 PM (IST)
पौधारोपण की हकीकत देखेगी शासन की टीम, प्रतापगढ़ के अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
वन समेत होंगे कई विभागों के अफसर, मची खलबली, हो सकती है कार्रवाई

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। जनपद में पिछले दिनों बड़े पैमाने पर पौधे रोपे गए थे। हरियाली को बढ़ाने के लिए चलाए गए इस अभियान की जमीनी हकीकत खंगालने के लिए शासन की टीम आने वाली है। इस वजह से विभागों में खलबली मची है। डर यह है कि पौधे नदारद या सूखे देख जिम्मेदार कर्मचारियों और अफसरों की गर्दन न नप जाए।

वन विभाग का दावा 13 लाख पौधे रोपने का

रिकार्ड पौधारोपण अभियान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में है। इस अभियान में प्रतापगढ़ में 42 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया था। जुलाई में पौधे रोपे गए। वन विभाग का दावा है कि उसने 13 लाख पौधे हैं। इसी प्रकार कृषि विभाग, पंचायती राज, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत विभागाों का सहयोग लेकर पौधे लगाए गए थे। इस बार फल व छायादार पौधे रोपने का खास निर्देश भी शासन ने दिया था। बतौर नोडल कमिश्नर संजय गोयल ने कालाकांकर में पौधे रोपे थे। इस अभियान में कितने पौधे रोपे गए, वह किस हाल में हैं, कितने नष्ट हो गए, मानक के अनुसार पौधों का चयन हुआ है कि नहीं, इसे देखने के लिए शासन स्तर पर अनुश्रवण समिति बनी है। इसमें सभी सहयोगी विभागों के अफसर शामिल किए गए हैं। इसकी एक टीम यहां आने वाली है। डीएफओ वरुण सिंह का कहना है कि पौधे ठीक से लगवाए गए हैं। शासन की टीम जनपद में कराए गए पौधारोपण को मौके पर जाकर अपने स्तर से देखेगी। उसकी रिपोर्ट देगी।

नगर में नहीं दिखते पौधे

अभियान के तहत नगर में भी पौधे लगवाए गए थे। नगर पालिका ने डिवाइडर के बीच में व पटरियों पर पौधे रोपे थे। इनमें से अधिकांश नहीं दिख रहे हैं। सुरक्षा की चिंता न किए जाने से अधिकांश को बेसहारा जानवर अपना निवाला बना गए। कुछ सूख गए।

फेंके मिले थे सैकड़ों

लालगंज के रानीगंज कैथोला में नहर के किनारे दर्जनों पौधे फेंके मिले थे। उसे रोपने के नाम पर नर्सरी से रिसीव तो कर लिया गया, पर रोपा नहीं गया। पौधे सूखकर कांटा हो गए। यह खबर मीडिया में आने के बाद भी पौधे रोपे नहीं गए, बल्कि वहां से हटा दिए गए।

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