Lockdown में सरकारी सहायता राशि पाने को मजदूरों की गूगल एप करेगा मदद Prayagraj News

जिन मजदूरों के खाते अपडेट नहीं हैं और जिनका पंजीयन रिन्यूअल नहीं हैं उन्हें सहायता राशि देने के लिए सरकार ने गूगल एप बनाने का निर्देश दिया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 08:52 AM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 08:52 AM (IST)
Lockdown में सरकारी सहायता राशि पाने को मजदूरों की गूगल एप करेगा मदद Prayagraj News
Lockdown में सरकारी सहायता राशि पाने को मजदूरों की गूगल एप करेगा मदद Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में मजदूरों की आर्थिक मदद के लिए एक हजार रुपये सहायता राशि के रूप में देने की घोषणा की है। हालांकि जिले में एक लाख से ज्यादा मजदूरों को सहायता राशि मिलने पर संशय बना है। इन मजदूरों द्वारा अपने पंजीयन का नवीनीकरण (रिन्यूअल) अथवा खाता अपडेट न कराने के कारण श्रम विभाग इन्हें नॉन वर्किंग श्रेणी में मान रहा है। सहायता धनराशि सिर्फ उन्हीं मजदूरों के खाते में ऑनलाइन भेजी जा रही है, जिन्होंने अपने पंजीयन का रिन्यूअल कराया है और जो वर्किंग में हैं। हालांकि इनकी मदद गूगल एप करेगा।

लापरवाही का भुगतना पड़ सकता है खामियाजा

जिन मजदूरों ने पंजीयन का नवीनीकरण नहीं कराया है, उन्हें अपनी लापरवाही का  खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। यानी उन्हें कहीं सहायता राशि से वंचित न होना पड़ जाए।

सरकार ने गूगल एप बनाने का दिया निर्देश

सूत्र बताते हैं कि जिन मजदूरों के खाते अपडेट नहीं हैं और जिनका पंजीयन रिन्यूअल नहीं हैं, उन्हें सहायता राशि देने के लिए सरकार ने गूगल एप बनाने का निर्देश दिया है। इससे मजदूर घर से ही पंजीयन रिन्यूअल और खाते अपडेट करा सकेंगे।

इन आंकड़ों पर डालें एक नजर

-1.87 लाख मजदूर हैं पंजीकृत

-1.20 लाख मजदूर नॉन वर्किंग में

-67 हजार मजदूर वर्किंग में

-41 हजार के खाते में गई सहायता राशि

-09 हजार मजदूरों के लिए सहायता राशि की स्वीकृति

-27 हजार को मिलनी बाकी है सहायता राशि।

नवीनीकरण का क्या है प्रावधान

किसी मजदूर ने अपना पंजीयन श्रम विभाग में कराया है तो उसका नवीनीकरण साल भर के अंदर कराना जरूरी है। रिन्यूअल न कराने पर उन्हें नॉन वर्किंग श्रेणी में मान लिया जाता है।

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