Good News: जापानी कंपनी सुधारेगी संगम नगरी की जलापूर्ति, हुआ करार, जानें क्‍या है योजना

Good News जलकल विभाग के महाप्रबंधक हरिश्‍चंद्र बाल्‍मीकि ने बताया कि जेएनएनयूआरएम के तहत जिन 67 बड़े नलकूपों में स्काडा लगे थे कंपनी उसे ठीक करेगी। 25 अन्य बड़े नलकूपों ओएचटी जोनल पंपिंग स्टेशनों और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को भी स्काडा से जोड़ेगी। इससे जलापूर्ति और संचालन व्यवस्था बेहतर होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 14 Aug 2021 04:03 PM (IST) Updated:Sat, 14 Aug 2021 04:03 PM (IST)
Good News: जापानी कंपनी सुधारेगी संगम नगरी की जलापूर्ति, हुआ करार, जानें क्‍या है योजना
प्रयागराज में जलापूर्ति को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास हो रहा है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के लोगों के लिए अच्‍छी खबर है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत संगम नगरी की जलापूर्ति व्यवस्था को सुधारने के लिए जापानी कंपनी से करार हुआ है। कंपनी ने जलापूर्ति संबंधी संसाधनों का सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे के बाद बड़े नलकूपों, ओवरहेड टैंकों (ओएचटी), वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और क्लीयर वाटर रिजर्व वायर (सीडब्ल्यूआर) को सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजिशन (स्काडा) के जरिए आपस में जोडऩे का काम शुरू होगा।

आंकड़ों पर डालें नजर

-277 कुल नलकूप

-92 बड़े नलकूप

-47 ओवरहेड टैंक

-11 सीडब्ल्यूआर

-01 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

-150 स्थानों पर लगेगा फ्लो मीटर

-17 करोड़ इस प्रोजेक्ट पर होगा खर्च।

आनलाइन निगरानी होगी

योजना के तहत पाइप लाइनों में जगह-जगह फ्लो मीटर लगाए जाएंगे। इसकी आनलाइन निगरानी इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (ट्रिपलआइसी) से होगी। इससे सभी हिस्सों में समान रूप से जलापूर्ति सुनिश्चित होने के साथ पानी की बर्बादी भी रोकी जा सकेगी।

शहर में जलापूर्ति की यह है व्यवस्था

शहर में जलापूर्ति व्यवस्था के लिए नलकूप, ओएचटी, सीडब्ल्यूआर और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बने हैं। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सिर्फ जलकल मुख्यालय खुसरोबाग में है। ओएचटी, सीडब्ल्यूआर और नलकूप जोनल एवं स्थानीय स्तर पर लगे हैं। अभी नलकूपों के खराब होने अथवा पाइप लाइन में लीकेज होने पर अफसरों को जानकारी स्थानीय नागरिकों, पार्षदों एवं नलकूप आपरेटरों के माध्यम से होती है।

शहरियों को यह होगी सहूलियत

जलापूर्ति व्यवस्था को स्काडा के माध्यम से जापानी कंपनी यूकोहामा जोड़ेगी। इससे कहीं पानी की आपूर्ति कम और ज्यादा हो रही है, तो उसकी जानकारी विभाग को हो सकेगी। नलकूपों के बंद होने, बिजली की गड़बड़ी से ठप होने, पाइप लाइन में लीकेज होने की जानकारी भी अफसरों को तत्काल हो सकेगी। लिहाजा, समस्या का तत्काल निराकरण कराया जा सकेगा। वहीं, जिन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति असमान रूप से होती है उसे व्यवस्थित कराके समान रूप से जलापूर्ति सुनिश्चित कराई जा सकेगी।

बोले, जलकल विभाग के महाप्रबंधक

जलकल विभाग के महाप्रबंधक हरिश्‍चंद्र बाल्‍मीकि ने बताया कि जेएनएनयूआरएम के तहत जिन 67 बड़े नलकूपों में स्काडा लगे थे, कंपनी उसे ठीक करेगी। 25 अन्य बड़े नलकूपों, ओएचटी, जोनल पंङ्क्षपग स्टेशनों और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को भी स्काडा से जोड़ेगी। इससे जलापूर्ति और संचालन व्यवस्था बेहतर होगी।

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