Good News: प्रयागराज में कूड़े और पराली से बनेगा कोयला, 20 कराेड़ के प्रोजेक्‍ट पर नगर निगम से होगा करार

प्रयागराज में हरी-भरी कंपनी द्वारा कूड़े से कोयला बनाने के लिए डेढ़ सौ टन और पराली से कोयला उत्पादन के लिए 50 टन क्षमता के प्लांट लगाने की योजना है। इन प्लांटों के लगाने में करीब 20 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। खर्च कंपनी खुद करेगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 08:16 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 08:16 AM (IST)
Good News: प्रयागराज में कूड़े और पराली से बनेगा कोयला, 20 कराेड़ के प्रोजेक्‍ट पर नगर निगम से होगा करार
पर्यावरण संरक्षण को ध्‍यान में रखते हुए प्रयागराज में कूड़े और पराली से कोयला बनाने की योजना है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के लिए एक और अच्‍छी खबर है। संगम नगरी में अब कूड़े और पराली से कोयला बनाया जाएगा। जल्द ही सूखे कूड़े और पराली से कोयले का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। इसके लिए हरी-भरी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को नगर निगम से हरी झंडी मिल गई है। इसी सप्ताह कंपनी और निगम के बीच करार होने का अनुमान है। करार होने के बाद कंपनी द्वारा बसवार में प्लांट लगाने का काम शुरू कराया जाएगा।

यमुनापार में कूड़़ा निस्‍तार प्‍लांट में फर्नेस आयल बनाने को लगा है प्‍लांट

यमुनापार के बसवार स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट में हरी-भरी द्वारा गीले कचरे से डीजल (फर्नेस आयल) बनाने के लिए दो टन क्षमता का प्लांट लगाया गया है। उत्पादन भी हो रहा है। अब वहीं पर सूखे कूड़े और पराली से कोयला बनाने के लिए भी प्लांट लगाने की स्वीकृति नगर निगम, कंपनी और स्मार्ट सिटी मिशन के अधिकारियों की बैठक में दी गई।

50 टन क्षमता के प्‍लांट लगाने की योजना

कंपनी द्वारा कूड़े से कोयला बनाने के लिए डेढ़ सौ टन और पराली से कोयला उत्पादन के लिए 50 टन क्षमता के प्लांट लगाने की योजना है। इन प्लांटों के लगाने में करीब 20 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। खर्च कंपनी खुद करेगी। दोनों प्लांटों से प्रतिदिन लगभग 50 से 60 टन कोयला उत्पादन होने की संभावना है। बैठक में नगर आयुक्त रवि रंजन, मुख्य अभियंता सतीश कुमार, पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा, कंपनी के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अमित पारसनाथ कुमार, मुख्य संचालन अधिकारी अरुण कुमार राय, प्लांट के महाप्रबंधक दिग्विजय सिंह आदि शामिल थे।

एनटीपीसी को बेचा जाएगा कोयला

मुख्य संचालन अधिकारी का कहना है कि पराली आसपास के गांवों के किसानों से खरीदी जाएगी। कोयले की जरूरत सब जगह है, इसलिए उत्पादन शुरू होते ही कोयला तुरंत बिकने लगेगा। उनके मुताबिक नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) को कोयला बेचने की योजना है।

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