Good News: राज्य विश्वविद्यालय के कालेजों में PhD को मिली मंजूरी, कुलपति ने दी मंजूरी
Good News प्रोफसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश सिंह ने बताया कि एकेडमिक काउंसिल के फैसले के मुताबिक पहले चरण में प्रयागराज के आठ प्रतापगढ़ के 10 फतेहपुर के पांच और कौशांबी के दो कालेजों में पीएचडी की सुविधा दी जाएगी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध राजकीय और सरकारी सहायता प्राप्त (एडेड) कालेजों में नए शैक्षणिक सत्र से पीएचडी कराई जा सकेगी। पहले चरण में मंडल के चारों जिलों (प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर) के 25 कालेजों में यह व्यवस्था लागू की गई है। कुलपति प्रोफेसर अखिलेश सिंह की अध्यक्षता में एकेडमिक काउंसिल ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अगले सप्ताह कार्य परिषद की बैठक में फैसले पर अंतिम मुहर लगने के बाद प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
पहले चरण में प्रयागराज के आठ कालेजों में सुविधा
प्रोफसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय की तरफ से अनुमोदित किए गए शोध अध्यादेश में संशोधन किया गया। अध्यादेश में कालेजों को शोध केंद्र बनाने की भी स्वीकृति प्रदान की गई। एकेडमिक काउंसिल के फैसले के मुताबिक पहले चरण में प्रयागराज के आठ, प्रतापगढ़ के 10, फतेहपुर के पांच और कौशांबी के दो कालेजों में पीएचडी की सुविधा दी जाएगी।
कालेजों को करना होगा आवेदन
कुलपति ने बताया कि इसके बाद दूसरे चरण में सभी कालेजों में पीएचडी की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए कुछ मानक भी तैयार किए गए हैं। कुलपति ने बताया के कालेजों को आवेदन करना होगा। फिर विश्वविद्यालय की ओर से गठित कमेटी भौतिक निरीक्षण करेगी और तय मानक पर खरा उतरने पर शोध केंद्र स्थापित करने की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद ही पीएचडी की अनुमति मिलेगी।
एमबीए और एनसीसी को हरी झंडी
एकेडमिक काउंसिल की बैठक में विवि द्वारा तैयार सीबीसीए अध्यादेश को भी मंजूरी दी। साथ ही आगामी सत्र से एनसीसी को वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में संचालित करने की स्वीकृति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय की ओर से सत्र 2021-22 में पांच एकीकृत पाठ्यक्रम शुरू करने को हरी झंडी दी गई। इसमें कला संकाय में बीए और एमए, कामर्स में बीकाम और एमकाम तथा मैनेजमेंट में बीबीए और एमबीए नियमित रूप से शुरू करने का निर्णय लिया गया।
पांच संकायों में इन पाठ्यक्रमों को मिली मंजूरी
विश्वविद्यालय द्वारा भविष्य में स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत विधि संकाय में बीएएलएलबी और एलएलएम, शिक्षा संकाय में बीएड और एमएड और एमएड, कृषि संकाय में बीएससी, एमएससी और बीफार्मा, जीवन विज्ञान संकाय में बायोकेमेस्ट्री, बायोटेक्नोलाजी और जीवन विज्ञान, विज्ञान संकाय में डेटा विज्ञान से स्नातक व स्नातकोतर पाठ्यक्रम को मूजरी मिली है। इसके अलावा विवि में खेल एवं योग निदेशालय स्थापित करने को स्वीकृति मिली है।