ये हैं गोल्ड मेडलिस्ट जिमनास्ट, आर्थिक तंगी से इलाज भी नहीं करा पा रहे, नहीं मिली मदद
प्रयागराज के रहने वाले गोल्ड मेडलिस्ट जिमनास्ट संदीप पाल आठ महीने से व्हील चेयर पर हैं। साई की तरफ से इंदिरा गांधी स्टेडियम नई दिल्ली में अभ्यास के दौरान गले की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ था। आर्थिक मदद के लिए वह परेशान हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। जिले का एक ऐसा भी जिमनास्ट है जो किसी समय अपने खेल से लोगों को ताली बजाने पर विवश करता था। उत्कृष्ट प्रदर्शन से कई प्रतियोगिता में एक के बाद एक मेडल भी अर्जित कर चुका है। वही आज बेबस और मजबूर हो गया है। आर्थिक तंगी का सामना कर करने वाले इस जिमनास्ट के पास अपना इलाज कराने को भी पैसा नहीं है। मदद के लिए हर चौखट पर फरियाद की लेकिन मायूस ही हुए।
अभ्यास के दौरान गले की हड्डी में पांच जगह से फ्रैक्चर हो गया था
प्रयागराज के चकनिरातुल मोहल्ला निवासी गोल्ड मेडलिस्ट जिमनास्ट संदीप पाल आठ महीने से व्हील चेयर पर हैं। संदीप पाल 2018 से साई की तरफ से इंदिरा गांधी स्टेडियम नई दिल्ली में रहकर जिमनास्टिक का अभ्यास कर रहे थे। पांच फरवरी को डबल बैक साल्टो का अभ्यास करते हुए हादसे का शिकार हो गए। उनके गले की हड्डी पांच जगह से फ्रैक्चर हो गई थी। इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में उनका ऑपरेशन कराया गया था। अब आर्थिक तंगी के चलते वह अपना इलाज करा पाने में समर्थ नहीं है। अब उनकी तबीयत खराब होती जा रही है। उन्होंने पीएम, सीएम और डिप्टी सीएम से ट्वीट कर मदद मांगी थी, वह भी मिल नहीं पाई है।
पीएम, सीएम व खेलमंत्री आदि को ट्वीट कर मांगी मदद
जिमनास्ट संदीप पाल ने पिछले सप्ताह अपनी समस्या प्रधानमंत्री, खेलमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री व साई के डायरेक्टर को ट्वीट करके बताई थी लेकिन अब तक उन्हें कहीं से मदद नहीं मिली। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इसके चलते पिछले दिनों वह अस्पताल में भर्ती भी हुए थे। अब वह डिस्चार्ज होकर घर आ गए हैं लेकिन उनकी समस्या कम नहीं हो रही है।
संदीप को मिल चुके हैं कई पदक
संदीप खेलो इंडिया में 2018 में स्वर्ण पदक और 2020 में सीनियर वर्ग में रजत पदक जीत चुके हैं। इसके अलावा स्कूल स्तर की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी कई पदक जीते हैं। अब तक कुल 23 पदक जिमनास्ट संदीप पाल के नाम पर दर्ज हैं।
साई ने कर दिया बाहर
हादसे के बाद से ही संदीप चलने, फिरने, उठने, बैठने में अक्षम हो गए। वह अपना कोई काम खुद नहीं कर पा रहे हैं। इसी बीच स्पोट्र्स अथारिटी ऑफ इंडिया (साई) ने उनकी प्रगति संतोषजनक न मानते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया है। संदीप के इलाज पर अब रोजाना लगभग 60 हजार रुपये का खर्च आ रहा है।
बोले, क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी
क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अनिल तिवारी कहते हैं कि मेरे संज्ञान में यह मामला अभी नहीं है। यदि हमें एक प्रार्थनापत्र पूरे विवरण के साथ उपलब्ध करा दें, जो जरूरतमंद खिलाड़ी की हरसंभव मदद की जाएगी।