सोने के साथ चांदी के दाम में दर्ज हुई गिरावट Prayagraj News

प्रयाग सराफा व्यापार मंडल के अध्यक्ष कुलदीप सोनी का कहना है कि इन धातुओं की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार की तेजी और मंदी पर निर्भर करती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार के रेट के हिसाब से ही इनकी कीमतों में तेजी और गिरावट होती है।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 03:03 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 03:03 PM (IST)
सोने के साथ चांदी के दाम में दर्ज हुई गिरावट Prayagraj News
सोने की कीमत में 100 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत में 300 रुपये की कमी दर्ज हुई।

प्रयागराज,जेएनएन। गणतंत्र दिवस के बाद सराफा बाजार के खुलने के बाद सोने के रेट में और गिरावट हुई। सफेद धातु यानी चांदी की कीमतों में भी कमी दर्ज की गई। सोमवार की तुलना में बुधवार को सोने की कीमत में 100 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत में 300 रुपये किलो की कमी दर्ज हुई। सोने का रेट 50900 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत 66700 रुपये किलो रही।

सोमवार को सराफा बाजार बंद होने पर शनिवार की तुलना में सोने के रेट में सौ रुपये की कमी और चांदी की कीमत में एक हजार रुपये की वृद्धि दर्ज की गई। यानी सोने का रेट 51 हजार और चांदी की कीमत 67 हजार रुपये थी। शनिवार को सराफा बाजार बंद होने पर सोने की कीमत 51000 प्रति 10 ग्राम और चांदी का रेट 66 हजार रुपये किलो था। सोने-चांदी की अगर इस महीने के आंकड़ों पर गौर करें तो तीन सप्ताह पहले सोने की कीमत 51 हजार 500 सौ रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत रुपये 67000 किलो तक पहुंच गई थी। चांदी ने यह आंकड़ा लॉकडाउन के दौरान छुआ था। पखवाड़ा भर पहले भी चांदी की कीमत रुपये 67000 किलो थी। एक सप्ताह बाद यानी गत शनिवार को जब बाजार बंद हुआ था तो सोने का रेट 50800 और चांदी का रेट करीब डेढ़ हजार रुपये घटकर 65500 रुपये किलो हो गई थी। गत सोमवार को बाजार के खुलने पर सोने की कीमत में 100 रुपये की वृद्धि के साथ रेट 50900 और चांदी के रेट में पांच सौ रुपये की बढ़ोत्तरी होकर 65600 रुपये किलो हो गई थी। लेकिन शनिवार को सोने का रेट गिरकर 51100 और चांदी की कीमत बढ़कर 66 हजार रुपये किलो हो गई थी। इस सोमवार को सोने के रेट में 100 रुपये की कमी और चांदी के कीमत में एक हजार रुपये की वृद्धि हुई थी। प्रयाग सराफा व्यापार मंडल के अध्यक्ष कुलदीप सोनी का कहना है कि इन धातुओं की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार की तेजी और मंदी पर निर्भर करती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार के रेट के हिसाब से ही इनकी कीमतों में तेजी और गिरावट होती है।

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