यात्रियों से मिलकर जाना जीएम NCR ने ट्रेन में सुविधाओं का हाल, सारनाथ एक्सप्रेस में किया सफर

एनसीआर के जीएम प्रमोद कुमार ने रविवार को सारनाथ एक्सप्रेस में यात्रा की और ट्रेन में साफ-सफाई की व्यवस्था का यात्रियों से फीडबैक लिया। उन्होंने स्टेशन और स्टेशन परिसर में स्वच्छता के संबंध में यात्रियों की प्रतिक्रिया जानी

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 12:46 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 12:46 PM (IST)
यात्रियों से मिलकर जाना जीएम NCR ने ट्रेन में सुविधाओं का हाल, सारनाथ एक्सप्रेस में किया सफर
जीएम प्रमोद कुमार ने सारनाथ एक्सप्रेस में यात्रा की और ट्रेन में सफाई व्यवस्था का यात्रियों से फीडबैक लिया।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के महाप्रबंधक (जीएम) प्रमोद कुमार ने सारनाथ एक्सप्रेस में यात्रा की और ट्रेन में साफ-सफाई की व्यवस्था का यात्रियों से फीडबैक लिया। उन्होंने स्टेशन और स्टेशन परिसर में स्वच्छता के संबंध में यात्रियों की प्रतिक्रिया जानी। जीएम ने मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (सीएंडपीएस) एसपी वर्मा, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवम शर्मा और वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक प्रयागराज विपिन कुमार के साथ स्लीपर और वातानुकूलित श्रेणी में यात्रियों के साथ बातचीत की।

150 यात्रियों से लिया गया फीड बैक

महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने ट्रेनों में स्वच्छता बनाए रखने की अपील करने के साथ स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए ब्रोशर भी वितरित किए। इस दौरान अधिकारियों द्वारा लगभग 150 यात्रियों से बात कर फीडबैक लिया गया। अधिकांश यात्रियों ने स्वच्छता पर प्रसन्नता और संतोष व्यक्त किया। कहा कि हाल के वर्षों में स्टेशन परिसर की सफाई में बहुत सुधार हुआ है। कुछ यात्रियों ने कुछ सुझाव दिए, जो आगे लागू किए जा सकते हैं। इन सुझावों को नोट किया गया और उसके बाद निर्देश जारी किया गया। यात्रियों के साथ ट्रेन यात्रा शुरू करने से पहले महाप्रबंधक ने मानिकपुर स्टेशन का निरीक्षण किया और स्वच्छता पखवाड़ा के तहत वहां की सफाई का जायजा लिया।

रेलवे अस्पताल में हो सकेगा आम लोगों का भी इलाज

प्रयागराज : मुख्य आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने रेलवे अस्पताल को पीपीपी माडल पर विकसित करने का सुझाव दिया है। रेलवे अस्पतालों का कायाकल्प करने के बाद आम लोगों को भी रेलवे अस्पताल में इलाज कराने की सुविधा मिलेगी। कोरोना काल के दौरान रेलवे अस्पतालों को कोविड सेंटर के रूप में भी प्रयोग किया। इससे बाद से इस पर तेजी से विचार हो रहा है। पूरे देश में रेलवे के कुल 125 अस्पताल हैं। 586 हेल्थ यूनिट काम कर रही हैं। रेलवे कर्मियों के बेहतर इलाज के लिए कई प्राइवेट अस्पतालों को भी रेलवे अस्पताल में आकर इलाज करने की अनुमति दी जाती है। रेलवे यूनियन का मानना है कि अगर रेलवे अस्पताल में आम लोगों का इलाज भी होगा तो भीड़ अधिक होने पर वहां इलाज का स्तर गिरेगा। रेलवे कर्मियों को भी आम लोगाें की तरह देखा जाएगा। इससे उनके लिए विशेष जांच की व्यवस्था या सवुिधा नहीं रह जाएगी। 

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