Remdesivir Injection की कालाबाजारी करने वाले गैंग का सरगना आखिर कहां गायब हुआ, प्रयागराज पुलिस के नहीं लगा हाथ
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के सरगना अजय विश्वकर्मा निवासी चालीस नंबर गुमटी पंडिला महादेव थाना थरवई की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने मुखबिरों का भी जाल बिछा रखा है। अजय विश्वकर्मा के घर आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है।
प्रयागराज, जेएनएन। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का सरगना अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लग सका है। दो सप्ताह से पुलिस उसकी तलाश में इधर-उधर हाथ-पांव मार रही है, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहा है। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ है, जिस कारण उसकी सही लोकेशन भी पुलिस को नहीं मिल पा रही है। आशंका है कि गिरफ्तारी के डर से उसने अपना मोबाइल बंद कर रखा है,। हालांकि करीबियों से संपर्क साधने के लिए वह कोई न कोई नंबर का जरूर इस्तेमाल कर रहा है।
मुखबिरों का बिछाया गया है जाल
गिरोह के सरगना अजय विश्वकर्मा निवासी चालीस नंबर गुमटी पंडिला महादेव थाना थरवई की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने मुखबिरों का भी जाल बिछा रखा है। अजय विश्वकर्मा के घर आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है। वहीं, स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के बाहर जिस मेडिकल स्टोर पर वह काम करता था, वहां भी पुलिस की नजर है।
तीन साथी पहले ही हो चुके हैं गिरफ्तार
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के आरोप में कोतवाली पुलिस ने 23 अप्रैल की रात तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इनको स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के बाहर से बाहर पकड़ा गया था। जबकि उनका साथी अजय विश्वकर्मा फरार हो गया था। अजय ही गैंग का सरगना है। वह दो रेमडेसिविर इंजेक्शन 50-50 हजार रुपये में यहां बेचने आया था, उसी समय पुलिस यहां पहुंच गई थी। पुलिस ने गिरफ्तार धूमनगंज के विनोद कुमार, शंकरगढ़ के राहुल शुक्ला और सोहबतियाबाग के अनुराग यादव से पूछताछ की थी तो कई बातें सामने आईं थीं।