प्रयागराज में भर्ती माफिया पर गैंगस्टर का मुकदमा लेकिन साल भर बाद भी नहीं चला बुलडोजर
शिक्षक भर्ती घोटाले के सरगना डा. केएल पटेल की संपत्ति जब्त नहीं की जा सकी। ऐसा तब है जब अभियुक्त और उसके सहयोगियों के खिलाफ एक साल पहले ही गैंगस्टर का मुकदमा कायम हुआ था। करोड़ों रुपये की संपत्ति भी चिंहित हुई फिर भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यूपीटीईटी का प्रश्नपत्र लीक होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपितों के घरों पर भले ही सरकारी बुलडोजर चलाने की बात कही है, लेकिन पुलिस शासन की मंशा के अनुरूप शायद काम नहीं कर रही है। भूमाफिया की संपत्ति कुर्क करने से लेकर उनके अवैध आशियाने ढहाए गए मगर शिक्षक भर्ती घोटाले के सरगना डा. केएल पटेल की संपत्ति जब्त नहीं की जा सकी है। ऐसा तब है, जब अभियुक्त और उसके सहयोगियों के खिलाफ एक साल पहले ही गैंगस्टर का मुकदमा कायम हुआ था। अपराध के जरिए अर्जित करोड़ों रुपये की संपत्ति भी चिंहित हुई फिर भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी।
जून 2020 में किया था पुलिस ने भंडाफोड़
दरअसल जून 2020 में प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ पुलिस ने किया था। बहरिया निवासी सरकारी डाक्टर केएल पटेल, भदोही के मायापति दुबे, रुद्रपति दुबे व शशिप्रकाश सरोज, कमल पटेल, रंजीत, आलोक उर्फ धर्मेंद्र सरोज के खिलाफ सोरांव थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई। जांच में पता चला कि गिरोह का सरगना केएल पटेल और वह पैसा लेकर भर्ती करवाता था। उसके कालेज से पुलिस ने 14 लाख रुपये बरामद किए थे। हालांकि मामला चर्चित होने पर इसकी जांच एसटीएफ को दी गई और फिर 16 से ज्यादा आरोपितों को जेल भेजा गया। अक्टूबर 2020 में केएल पटेल का गैंग रजिस्टर्ड करते हुए सोरांव थाने में गैंगस्टर का मुकदमा लिखा गया था।
जमानत पर जेल से छूटा सरगना
पुलिस का कहना है कि डा. केएल पटेल जमानत पर जेल से छूट गया है। ऐसे में फिर से उसके नौकरियों में फर्जीवाड़ा करने की आशंका जताई जा रहा है। उसके पास गंगापार में इंटर कालेज, फार्मेसी कालेज सहित कुल छह कालेज हैं। जबकि मायापति दुबे के पास भदोही में आलीशान मकान, इंटरलाकिंग का भट्ठा और चंद्रमा यादव के पास भी कालेज समते कई तमाम प्रापर्टी चिंहित करने का दावा पुलिस ने किया था।