Ganga-Yamuna Flood: प्रयागराज में गंगा-यमुना का लगातार बढ़ रहा जलस्तर, बाढ़ का खतरा
Ganga-Yamuna Flood शहर के निचले इलाकों में बसी आबादी को बाढ़ का दंश झेलना पड़ता है। इसमें अधिकतर वह आबादी हैं जो गंगा की तलहटी में अवैध रूप से बसी है। इस बार भी गंगा का पानी इन बस्तियों की ओर से तेजी से बढ़ रहा है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। गंगा और यमुना नदियां उफान पर हैं। गंगा-यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रयागराज में गंगा का जलस्तर बाढ़ के मुहाने पर पहुंच गया है। इसके वेग को देखते हुए निचले इलाकाें में बाढ़ की आशंका है। ऐसे में मौके की नजाकत को देखते हुए कई मोहल्लों के लोग पलायन करने लगे हैं। कुछ ने तो अपने परिवार को कुछ दिन के लिए दूसरी जगह भेज दिया है। जिस गति से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर जाएगा। जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने निगरानी तेज कर दी है।
निचले इलाकाें की ओर बढ़ रहा गंगा का पानी
उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष बरसात के महीने अगस्त या सितंबर में शहर के निचले इलाकों में बसी आबादी को बाढ़ का दंश झेलना पड़ता है। इसमें अधिकतर वह आबादी हैं जो गंगा की तलहटी में अवैध रूप से बसी है। इस बार भी गंगा का पानी इन बस्तियों की ओर से तेजी से बढ़ रहा है। खासकर नेवादा, राजापुर, बेली, सलोरी, छोटा बघाड़ा की ओर गंगा का पानी बढ़ रहा है।
बाढ़ खंड के अधिकारी बोले- गंगा-यमुना का जलस्तर अभी बढ़ेगा
सोमवार को दिनभर दो से तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से पानी बढ़ा। इससे पहले एक मीटर और आधा मीटर की गति से पानी बढ़ चुका है। बाढ़ खंड के अधिकारियों ने बताया कि अभी बाढ़ का क्रम जारी रहेगा क्योंकि पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। गंगा में नरौरा, हरिद्वार और कानपुर बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है। दूसरी ओर मध्य प्रदेश की नदियों और बांदा व हमीरपुर से यमुना में पानी तेजी से आ रहा है। संगम में दोनों नदियों का पानी मिलने पर जलस्तर और तेजी से बढ़ा है।
प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर
फाफामऊ में सोमवार की रात आठ बजे जलस्तर 80.11 मीटर, छतनाग में 79.20 मीटर और नैनी में 79.71 मीटर रहा। वैसे खतरे का निशान 84:73 मीटर है। खतरे निशान से जलस्तर अभी दूर है लेकिन संगम क्षेत्र में पानी फैल रहा है। इससे घाट पर बसे तीर्थ पुुरोहित अपना सामान समेटकर बांध पर पहुंच गए है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए चौकियां सक्रिय हो गई हैं। जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने निगरानी बढ़ा दी है। लोगों को गहरे पानी में जाने से रोका जा रहा है।
आंकड़ों में जलस्तर
फाफामऊ : 80.27
छतनाग : 79.28 मीटर
नैनी : 79.84 मीटर
खतरे का निशान : 84:73 मीटर।