प्रयागराज में Ganga का जलस्तर 12 घंटे में 70 सेंटीमीटर बढ़ा, Yamuna में भी उफान, लोगों में बेचैनी बढ़ी
पहाड़ी इलाकों में बारिश के चलते हरिद्वार नरौरा कानपुर से पानी छोड़ा गया है। अब इसका असर प्रयागराज में दिखाई देने लगा है। उधर यमुना में भी पानी बढ़ गया है। यमुना की सहायक नदियां उफनाई हुई हैं। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जल पुलिस की टीम सक्रिय हो गई।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज में बाढ़ की आशंका है। इसका कारण है तेजी से बढ़ता गंगा नदी का जलस्तर। पहाड़ों पर हुई बारिश और बांध से पानी छोडऩे का असर मैदानी इलाकों में दिखने लगा है। संगम पर गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अगले तीन दिनों तक यह क्रम जारी रहने का अनुमान है। मंगलवार को सुबह से लेकर शाम तक 12 घंटे में 70 सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ गया। यमुना का पानी भी बढ़ने लगा है। जलस्तर बढऩे पर घाटिये अपना सामान समेटने लगे हैं। अब धीरे-धीरे लोगों की बेचैनी भी बढ़ रही है।
रात आठ बजे जलस्तर
-फाफामऊ : 78.34 मीटर
-छतनाग : 73.39 मीटर
-नैनी : 73.78 मीटर
-खतरे का निशान : 84.74 मीटर
संगम स्नान करने वालों को दी जा रही चेतावनी
पिछले कई दिनों से पहाड़ी इलाकों में बारिश हो रही है। इसके चलते हरिद्वार, नरौरा और कानपुर से पानी छोड़ा गया है। अब इसका असर प्रयागराज में दिखाई देने लगा है। उधर, यमुना में भी पानी बढ़ गया है। यमुना की सहायक नदियां उफनाई हुई हैं। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जल पुलिस की टीम सक्रिय हो गई। संगम पर स्नान करने आने वालों को चेतावनी दी जा रही है कि वह गहरे पानी में न जाएं। वहीं, नाव से संगम स्नान के लिए जाने वालों की भीड़ को भी कम किया जा रहा है।
खतरे का निशान अभी दूर है
जलस्तर बढऩे से घाट पर पूजन कराने वाले तीर्थ पुरोहित अपना सामान समेटने में लगे हैं। सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड के अनुसार मंगलवार की रात आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 78.34 मीटर था, जो सुबह से जलस्तर से 10 सेंटीमीटर अधिक था। छतनाग में सुबह से लेकर शाम तक के जलस्तर में 50 सेंटीमीटर से अधिक की वृद्धि हुई। जलस्तर 73.39 मीटर दर्ज किया गया। नैनी में ज्यादा बढ़ोतरी हुई। यहां पर सुबह के जलस्तर से करीब 70 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई और 73.78 मीटर जलस्तर रहा। फिलहाल यहां पर खतरे का निशान 84.74 मीटर है।
दुकानें व चौकियां समेटीं
संसू, फाफामऊ : फाफामऊ गंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर बढऩे लगा है। तीर्थ-पुरोहित और दुकानदार घाट से अपनी दुकानें व चौकियां हटाने लगे हैं। जून माह में भी गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ा था।