प्रतापगढ़ में गंगा नदी का जलस्‍तर बढ़ा तो तट पर बने पुल की रेलिंग में आई दरार, एक वर्ष पूर्व बना था यह पुल

प्रतापगढ़ में शाहाबाद गंगा घाट और ऐतिहासिक किले को जोडऩे वाले मार्ग पर नाले पर नमामि गंगे योजना के तहत पुल बनाया गया था। पुल करीब साल भर बना था। गंगा नदी का पानी बढ़ा तो दबाव पडऩे से नाले पर बने पुल की रेलिंग में दरार आ गई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 30 Oct 2021 05:33 PM (IST) Updated:Sat, 30 Oct 2021 05:33 PM (IST)
प्रतापगढ़ में गंगा नदी का जलस्‍तर बढ़ा तो तट पर बने पुल की रेलिंग में आई दरार, एक वर्ष पूर्व बना था यह पुल
प्रतापगढ़ के शाहाबाद में बने गंगा के तट पर बने पुल की रेलिंग में दरार आई है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ जनपद में गंगा के बढ़े जल स्तर ने नमामि गंगे योजना के तहत कराए गए काम की पोल खोल कर रख दी है। महज एक वर्ष पूर्व गंगा नदी तट पर नाले पर बनाए गए पुल की रेलिंग में दरार आ गई। मानिकपुर के शाहाबाद तट पर गंगा नदी के तट के किनारे एक तालाब है, उस तालाब में पूरे मानिकपुर कस्बे का पानी गिरता है। तालाब और गंगा नदी के बीच एक बंधा बनाया गया है। उसी नाले पर 20 फीट लंबा पुल बनाया गया है। प्रमुख स्नान पर्वों पर शाहाबाद घाट, सरस्वती घाट, अमेठी घाट के श्रद्धालु इस पुल से होकर करीब डेढ़ किमी दूर स्थित मानिकपुर के ऐतिहासिक किले तक जाते हैं।

नमामि गंगे योजना के तहत एक वर्ष पूर्व बना था पुल

शाहाबाद गंगा घाट और ऐतिहासिक किले को जोडऩे वाले मार्ग पर नाले पर नमामि गंगे योजना के तहत पुल बनाया गया था। इस पुल का निर्माण इंजीनियर अमित कुमार की निगरानी में यूनिवर्सल कंपनी ने कराया था। यह पुल करीब साल भर पहले बनकर तैयार हुआ था। इस बीच गंगा नदी का पानी बढ़ा तो दबाव पडऩे से नाले पर बने पुल और रेलिंग में दरार आ गई। दरार पर स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ गई है। इससे पूर्व में नगर पंचायत मानिकपुर ने नाले पर पुल का निर्माण करवाया गया था। उसके क्षतिग्रस्त हो जाने पर नमामि गंगे योजना के अंतर्गत पुन: पुल का निर्माण कराया गया। लगभग 20 फीट लंबे इस पुल पर भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित है।

कार्यदाई संस्‍था से पुल का मरम्‍मत कराया जाएगा

पुल की रेलिंग में दरार आने से पुल के क्षतिग्रस्त होने का अंदेशा बना हुआ है। इस पर अभी तक संबंधित विभाग के अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही है। इस बारे में पूछने पर एसडीएम कुंडा सतीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि ऐसी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। अब जानकारी मिली है तो संबंधित कार्यदाई संस्था को पत्र भेजकर पुल की मरम्‍मत का काम शुरू कराया जाएगा।

पुल के क्षतिग्रस्त होने से बढ़ जाएगी किले की दूरी

शासन ने करोड़ों की लागत से लगभग डेढ़ किमी लंबे इस घाट के किनारे शौचालय, प्रवेश द्वार, रेलिंग सहित अन्य काम कराया था। उसी में 20 फुट लंबे इस पुल का निर्माण भी कराया गया था, ताकि गंगा घाट पर आने वाले लोगों को ऐतिहासिक किले तक जाने में असुविधाओं का सामना न करना पड़े। यदि यह पुल क्षतिग्रस्त हुआ तो शाहाबाद गंगा तट और किला तक की दूरी भी बढ़ जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्हें किले तक जाने के लिए करीब पांच मीटर और दूरी तय करनी पड़ेगी।

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