आत्मनिर्भरता के नाम पर फर्जीवाड़ा, जांच के दायरे में हैं प्रतापगढ़ की 658 महिला मेठ

मेठ बनाए जाने के लिए शासन से जो मानक निर्धारित हुआ है। उसमें लापरवाही बरती गई है। कई शिकायतें अफसरों तक पहुंचने से इस मामले की जांच शुरू हो गई है। हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 07:00 AM (IST)
आत्मनिर्भरता के नाम पर फर्जीवाड़ा, जांच के दायरे में हैं प्रतापगढ़ की 658 महिला मेठ
1193 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष एक हजार की हो चुकी है प्रतापगढ़ में तैनाती

प्रतापगढ़, प्रवीन कुमार यादव। ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण के तहत मनरेगा बड़ी भूमिका निभा रहा है। मनरेगा में मेठ बनने वाली महिलाएं काम करना शुरू कर दी हैं। गांव में मनरेगा से जो भी काम होंगे। उनके द्वारा इसकी मॉनीटरिंग की जाएगी। काम करने वाले मजदूरों की हाजिरी उन्हीं के जरिए होगी। मेठ पूरी रिपोर्ट ब्लाक के अफसरों को देंगे।

मानक दरकिनार करने की शिकायत पर जांच

प्रतापगढ़ में एक हजार 193 ग्राम पंचायतों में से करीब एक हजार गांवों में मनरेगा मेठ की तैनाती हुई है। एक दिन पहले मिली रिपोर्ट के अनुसार आसपुर देवसरा ब्लाक के करीब 60, बाबा बेलखरनाथ धाम के 78, बाबागंज के 54, बिहार के 31, गौरा के 55, कालाकांकर के 10, कुंडा के 89 गांवों में मेठ की तैनाती हुई है। वहीं लक्ष्मणपुर के 56, लालगंज के 66, मंगरौरा के 14, मानधाता के 34, पट्टी के 63, सदर के 38, रामपुर संग्रामगढ़ के 19, संडवा चंद्रिका के 14 सहित अन्य ब्लाकों में महिला मेठ की तैनाती की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मेठ बनाए जाने के लिए शासन से जो मानक निर्धारित हुआ है। उसमें लापरवाही बरती गई है। कई शिकायतें अफसरों तक पहुंचने से इस मामले की जांच शुरू हो गई है। हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के डिप्टी कमिश्नर डॉ. एनएन मिश्रा ने बताया कि महिला मेठ के चयन में मानक दरकिनार करने की शिकायत पर जांच कराई जा रही है। मेठ के चयन की शर्त को पूरा न करने वाली महिलाओं पर कार्रवाई होगी।

फोन पर बताया नाम, भेज दिया शासन में

महिला मेठ के चयन में कुछ ब्लाकों के ब्लाक मिशन प्रबंधकों ने खूब मनमानी की। फोन पर ही समूह की अध्यक्ष व सचिव से बात करके मिले नाम को सिस्टम में सबमिट करके अफसरों को भेज दिया। उदाहरण के तौर पर बिहार, संडवा चंद्रिका सहित कुछ अन्य ब्लाकों से मेठ के चयन में मनमानी किए जाने की शिकायत वर विभाग ने सख्त कदम उठाया गया।

मेठ के चयन की ये हैं शर्तें

- छह माह पहले गठित समूह की महिला को मेठ बनाने का है प्रावधान

- महिला मेठ के समूह की बचत तीन हजार से अधिक नहीं होनी चाहिए

-चयनित महिला मेठ के समूह में ऋण वापसी की दर 60 प्रतिशत हो

- स्वयं सहायता समूह को रिवाल्विंग फंड भेजा जा चुका हो

-समूह की साप्ताहिक बैठक 80 प्रतिशत से अधिक हो

- चयनित महिला मेठ उसी गांव की निवासी हो

-समूह के गठन की पूरी रिपोर्ट रिकार्ड में सबमिट हो

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