ड्राइविंग लाइसेंस और ट्रेनिंग स्कूल के लिए जल्द मिलेगी फ्रेंचाइजी,लोगों को मिलेगा रोजगार Prayagraj News
अधिकारियों के मुताबिक सेंटर आवंटन के पहले टीम मौके का सत्यापन करेगी। वहां शासन की गाइडलाइन को पूरा करने वालों को निश्चित शुल्क जमा कराने के बाद सेंटर खोलने की स्वीकृति दी जाएगी। ट्रेनिंग सेंटर में अंग्रेजी के एच अक्षर की डिजाइन होना अनिवार्य होगा।
प्रयागराज,जेएनएन। सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और ट्रेनिंग सेंटर के लिए फ्रेंचाइजी मिलेगी। इसके लिए शासन की ओर से कवायद चल रही है। इससे लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही, साथ ही वाहन चलाने का प्रशिक्षण व डीएल बनवाने में भी सहूलियत होगी।
इन जिलों में संचालित है डीटीआइ और एमडीएस
दरअसल, कानपुर और लखनऊ में रोडवेज के ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीआइ) और मारुति ड्राइविंग स्कूल (एमडीएस) संचालित हैं। डीटीआइ में कर्मचारियों और एमडीएस में सामान्य लोगों को 10 दिन से एक माह के दरम्यान गाड़ी चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिए शुल्क भी देना पड़ता है। इसमें पारंगत होने के बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाता है। इसी तर्ज पर संभागीय परिवहन विभाग की ओर से डीएल और ट्रेनिंग सेंटर के लिए फ्रेंचाइजी देने की तैयारी की जा रही है।
अधिकारियों के मुताबिक, सेंटर आवंटन के पहले टीम मौके का सत्यापन करेगी। वहां शासन की गाइडलाइन को पूरा करने वालों को निश्चित शुल्क जमा कराने के बाद सेंटर खोलने की स्वीकृति दी जाएगी। ट्रेनिंग सेंटर में अंग्रेजी के एच अक्षर की डिजाइन होना अनिवार्य होगा।
ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण के बाद पास हुए तो आरटीओ नहीं लेगा टेस्ट
एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा ने बताया कि सरकारी डीटीआइ की तर्ज पर निजी संस्थाएं खोलने की कवायद चल रही है। हालांकि अभी शासन की ओर से कोई निर्देश नहीं मिला है। इन ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण लेने के बाद, जो लोग उत्तीर्ण हो जाएंगे। उनका टेस्ट आरटीओ में नहीं होगा।