Cyber Crime: एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर पैसे उड़ाने वाले चार जालसाजों को जेल
उत्तर प्रदेश के अलावा गैर राज्यों की भी पुलिस के लिए चुनौती बने साइबर शातिरों का यह गैंग करीब चार माह से प्रयागराज के चकिया में किराए का कमरा लेकर रहा रहा था। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कुछ हफ्ते में यह कमरा बदलते रहते थे।
प्रयागराज, जेएनएन। कई राज्यों में घूम-घूमकर एटीएम क्लोनिंग के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले गिरोह का कौशांबी पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। जनपद के चरवा थाने की पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया जबकि एक जालसाज फरार हो गया। जबकि पांचवें आरोपित की तलाश जारी है। पकड़े गए आरोपितों के पास से पुलिस ने लैपटाप, क्लोनिंग स्कीमर डिवाइस समेत कई एटीएम कार्ड और अन्य उपकरण बरामद किए हैं। आरोपितों ने कौशांबी के अलावा प्रयागराज समेत दूसरे कई जनपदों और बिहार तथा मध्य प्रदेश में तमाम घटनाओं को अंजाम देने का जुर्म कबूला है। इन चार शातिरों को जेल भेज दिया गया है।
कई घटनाओं के बाद सक्रिय पुलिस ने की घेराबंदी
पिछले दिनों कौशांबी के चरवा, पिपरी व करारी थाना क्षेत्र के विभिन्न एटीएम बूथ में पैसे निकालने में लोगों की मदद के नाम पर एटीएम कार्ड बदलने व क्लोन बनाकर पैसे उड़ाने के केस हुए थे। इस ढंग से शातिरों ने रामआसरे के खाते से 25 हजार रुपये, मनोज के खाते से 10 हजार व सुरेंद्र के खाते से 40 हजार रुपये उड़ा दिए थे। इन शिकायतों पर केस लिखकर अलग अलग थानों में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया। एसपी राधेश्याम के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर के नेतृत्व में साइबर सेल टीम के अधिकारी अखिलेश उपाध्याय व संदीप सिंह समेत भरवारी चौकी प्रभारी श्रवण कुमार ने मामले की जांच शुरू की। जांच के बाद पुलिस ने दो दिन पहले सागर राजभर पुत्र सुरेश राजभर निवासी उत्तर का पूरा सुरहन पोखरा थाना दीदारगंज जनपद आजमगढ़ को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपित ने एटीएम क्लोनिंग व कार्ड बदलकर खाते से रुपये निकालने का जुर्म कबूल करते हुए गैंग के साथी अंकित राजभर व सूरज राजभर निवासी सुरहन पोखरा और संदीप राजभर निवासी चैकी बेल्हआ बादशाहपुर जौनपुर का भी नाम बताया। पुलिस ने सागर की निशानदेही पर सभी आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया जबकि जौनपुर का रहने वाला मास्टर माइंड रामविलास अभी फरार है। अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों के पास से 21 एटीएम कार्ड, एक क्लोनिंग स्कीमर डिवाइस, लैपटाप, की-बोर्ड, चार्जर, पांच मोबाइल व दो बाइक बरामद की गई है। एएसपी ने यह भी बताया कि आरोपितों ने कौशांबी के अलावा आजमगढ़, चित्रकूट, प्रतापगढ़, फतेहपुर, प्रयागराज समेत गैर प्रांत जैसे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, मध्यप्रदेश आदि जगहों पर भी वारदातों को अंजाम देने का जुर्म कबूल किया है।
ऐसे देते थे जालसाजी को अंजाम
पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि सुनसान स्थान वाले एटीएम बूथों में जाकर सीधे सादे लोगों को पैसे निकालने में सहायता का झांसा देकर धोखे से उनका एटीएम कार्ड बदल देते थे। फिर उस एटीएम कार्ड का डाटा स्कीमर डिवाइस में क्लोन कर लेते थे। बाद में डिवाइस को लैपटाप में इंस्टाल कर साफ्टवेयर के माध्यम से क्लोन डाटा को पुराने एटीएम कार्ड की काली पट्टी में ट्रांसफर कर देते थे। क्लोन कार्ड को तैयार कर लोगों के खाते से पैसे निकाल लेते थे। बूथ में मदद के दौरान रुपये निकालने आए व्यक्ति के एटीएम कार्ड का कोड गिरोह का एक सदस्य पीछे से देखकर नोट कर लेता था।
चार माह से प्रयागराज के चकिया में ठहरे थे शातिर
उत्तर प्रदेश के अलावा गैर राज्यों की भी पुलिस के लिए चुनौती बने साइबर शातिरों का यह गैंग करीब चार माह से प्रयागराज के चकिया में किराए का कमरा लेकर रहा रहा था। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पखवारा भर या फिर एक माह में यह कमरा बदलते रहते थे। पूछताछ में शातिरों ने यह भी बताया कि इनका मास्टर माइंड फरार चल रहा रामविलास है। उसने महाराष्ट्र से एटीएम क्लोनिंग का काम सीखा था। यही नहीं, किसी को उसके काम पर शक न हो, इसके लिए वह प्रयागराज के कई वकीलों के संपर्क में रहकर उन्हें क्लाइंट उपलब्ध कराता था। आरोपितों ने बताया कि रामविलास के इशारे पर ही वह प्रयागराज से कौशांबी, प्रतापगढ़, चित्रकूट, भदोही, वाराणसी, फतेहपुर समेत आसपास के जनपदों में जाते थे और वारदातों को अंजाम देते थे।