MP MLA COURT में बोले पूर्व सांसद करवरिया, शासन के दबाव पर लिखा गया था मुकदमा

कपिलमुनि ने कोर्ट को बताया गया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। एसडीएम मंझनपुर ने पूर्व सांसद के विरुद्ध थाना पश्चिम शरीरा में बालू के अवैध खनन का मुकदमा तीन जून 2002 को दर्ज कराया था। पूर्व सांसद ने कोर्ट से कहा कि शासन के दबाव पर केस लिखा गया

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:39 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:24 AM (IST)
MP MLA COURT में बोले पूर्व सांसद करवरिया, शासन के दबाव पर लिखा गया था मुकदमा
कपिलमुनि को एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव ने जेल से तलब किया था

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया को एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव ने नैनी जेल से तलब किया था। पूर्व सांसद पर कौशांबी के जमुनापुर घाट से बालू के अवैध खनन का आरोप है। बुधवार को पेश हुए कपिलमुनि ने कोर्ट को बताया गया कि मामले में उन्हें झूठा फंसाया गया है। एसडीएम मंझनपुर ने पूर्व सांसद के विरुद्ध थाना पश्चिम शरीरा में बालू के अवैध खनन का मुकदमा तीन जून 2002 को दर्ज कराया था। पूर्व सांसद ने कोर्ट से कहा कि उस समय वह जिला पंचायत अध्यक्ष थे। प्रदेश में सत्ता विरोधी सरकार थी, जिसके कहने पर झूठा मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। मामले की जांच आयुक्त प्रयागराज द्वारा की जा चुकी है, जिसमें निर्दोष बताया गया है। बालू के पट्टे के विवरण में हमारे या हमारे परिवार के किसी सदस्य का नाम नहीं है। पूर्व सांसद की ओर से पेश की गई अर्जी का जवाब देने के लिए एडीजीसी राजेश गुप्ता ने कोर्ट से समय मांगा। एडीजीसी की मांग को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 12 नवंबर की तिथि नियत की है।

पूर्व मंत्री राकेशधर के मुकदमे में विजिलेंस इंस्पेक्टर का बयान दर्ज

प्रयागराज : पूर्व शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मुकदमे में बुधवार को एमपी एमएलए की विशेष अदालत में विजिलेंस इंस्पेक्टर रामसुभग राम का बयान दर्ज हुआ। विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव के समक्ष लोक अभियोजक राजेश कुमार गुप्ता ने गवाह को पेश किया। बयान दर्ज करने के पश्चात बचाव पक्ष की ओर से जिरह की गई। राकेशधर पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के अंतर्गत आरोप तय किया गया है। पूर्व मंत्री के आरोपों से इनकार करने पर अदालत ने सरकारी पक्ष को गवाहों को पेश करने के लिए आदेश दिया था। गवाह रामसुभग राम ने राकेशधर के विरुद्ध मुट्ठीगंज थाने में 23 नवंबर 2012 को मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में अन्य गवाहों के बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट ने दो नवंबर की तिथि नियत किया है। पूर्व मंत्री पर आरोप है कि एक मई 2007 से 31 दिसंबर 2011 के बीच उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में लोकसेवक रहे। पद पर रहते हुए इस अवधि के दौरान आय के समस्त स्रोतों एवं वैध स्रोतों से करीब 50 लाख रुपए अर्जित किया। इसी अवधि में संपत्ति अर्जन एवं भरण पोषण पर ढाई करोड़ रुपए खर्च किया। इसका संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया, जो कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) के अधीन अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।

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