Food Poisoning Case: प्रतापगढ़ में विषाक्त प्रसाद खाने से डेढ़ दर्जन बीमार, सीएचसी कुंडा में भर्ती
Food Poisoning Case प्रतापगढ़ जिले में कुंडा कोतवाली क्षेत्र के लोहारन का पुरवा काजीपुर कुसेमर गांव में डेढ़ दर्जन लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए। इसमें ज्यादातर बच्चे हैं। सभी बच्चों व महिलाओं को सीएचसी कुंडा में भर्ती कराया गया हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ जनपद में फूड प्वायजनिंग का मामला सामने आया है। कुंडा कोतवाली क्षेत्र के लोहारन का पुरवा काजीपुर कुसेमर गांव का मामला है। यहां विषाक्त प्रसाद खाने से करीब डेढ़ दर्जन लोग बीमार हो गए। हुआ यूं कि निशान चढ़ाने के लिए रखा प्रसाद दूसरे दिन खाने से लोग बीमार हुए। इनमें अधिकांश बच्चे हैं। आनन-फानन में सभी को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुंडा में भर्ती कराया गया है।
निशान चढ़ाने हौदेश्वर नाथ धाम जाना था
बाबागंज विकास खंड के लोहारन का पुरवा काजीपुर कुसेमर निवासी बड़े लाल सरोज को अपने बेटे सुनील सरोज की मनौती को लेकर निशान चढ़ाने सोमवार को हौदेश्वर नाथ धाम जाना था। इसकी सभी तैयारी पूरी हो चुकी थी। हौदेश्वर नाथ को अर्पित करने के लिए प्रसाद भी घर में बनाया गया था। इसी बीच सुनील सरोज की तबीयत ज्यादा खराब हो गई, तो स्वजन निशान चढ़ाने के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया।
प्रसाद को खाकर बच्चे व महिलाएं बीमार हुईं
निशान चढ़ाने का कार्यक्रम परिवार के लोगों ने स्थगित कर दिया। ऐसे में बने हुए प्रसाद को मंगलवार की सुबह गांव में बंटवा दिया गया। इसके खाने से आयुष 7, अंजू पाल 17, रुबी सरोज 13, संजू 10, अनूप पाल 12, पीयूष पाल 10, शालू सरोज 16, आयुष पाल 12, शुभम सरोज 12, कृष्णा 4, शनि 6, अंकुश 5, सुनीता 40 समेत ग्रामीण फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए। सभी को उल्टियां होने लगीं। एक साथ इतने लोगों की तबीयत खराब होने पर गांव में हड़कंप मच गया।
सीएचसी कुंडा में हो रहा इलाज
इसकी जानकारी होने पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सत्येंद्र सिंह ने ग्रामीणों के सहयोग से आनन-फानन में सभी बीमार बच्चों व महिलाओं को इलाज के लिए लिए कुंडा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया। वहां सभी का इलाज किया जा रहा है।
सीएचसी प्रभारी बोले- बीमार लोग खतरे से बाहर
सीएचसी प्रभारी डाक्टर राजीव त्रिपाठी ने बताया कि गांव में टीम में भेजकर लोगों का इलाज कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए लोग खतरे से बाहर हैं। उनका इलाज किया जा रहा है।