विदेश में रह रही महिलाओं ने भी अपनी रचनाओं से मा कात्यायनी को पूजा Prayagraj News

इसकी खासियत यह कि सभी महिला रचनाकारो ने अपनी रचनाओं से मा की आराधना की। इसमे ओमान में रहने वाली राशि ने भी देवी गीत प्रस्तुत कर मा भगवती की आराधना की। प्रयागराज की रचना सक्सेना ने इस कसर्यक्रम का संयोजन किया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 03:00 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 03:00 PM (IST)
विदेश में रह रही महिलाओं ने भी अपनी रचनाओं से मा कात्यायनी को पूजा Prayagraj News
रचनाकारों ने माँ कात्यायनी की आराधना अपने गीत व भजन से किया।

प्रयागराज,जेएनएन। कोरोनाकाल में रहन सहन के साथ तीज त्यौवहार मनाने के तरीके भी बदल गए हैं। सार्वजनिक आयोजन सभी जगहों पर बन्द हैं। रचनाकारों का मंच भी सिमट चुका है। साहित्यिक गतिविधि भी ऑनलाइन हो रही है। इसका लाभ यह कि अब आयोजनों में देश ही नही विदेश में बैठे लोग भी  आसानी से हिस्सा ले रहे है। न सिर्फ उस साहित्यिक गतिविधि में भागीदारी कर रहे बल्कि सात समुंदर पार बैठ कर देश के तीज  त्यौहार में भी सहभागिता कर रहे है। राष्ट्रीय महिला रचनाकार मंच की तरफ से नवरात्र पर ऑनलाईन कविसम्मेलन का आयोजन किया गया। इसकी खासियत यह कि सभी महिला रचनाकारो ने अपनी रचनाओं से मा की आराधना की। इसमे ओमान में रहने वाली राशि ने भी देवी गीत प्रस्तुत कर मा भगवती की आराधना की।
प्रयागराज की रचना सक्सेना ने इस कसर्यक्रम का संयोजन किया। अध्यक्षता ऋतन्धरा मिश्रा ने की। सभी रचनाकारों ने माँ कात्यायनी की आराधना अपने गीत व भजन से किया। इसका संयुक्त संचालन रुचि मटरेजा एवं चेतना सिंह ने किया।

जय हो जय हो हे अंबे...
ऑनलाइन हुवे आयोजन में प्रयागराज की प्रेमा राय ने जय हो जय हो हे अंबे, जगदंबे हे शेरों वाली गीत सुनकर वाहवाही बटोरी। भोपाल से मीना जैन दुष्यंत ने जो- जो शरण में तेरी हे मात!जीव आये भजन सुनाय। प्रयागराज से इंदु सिन्हा ने माता रानी कात्यायनी जी का सुंदर स्वरुप, जयकारा करो सुनाया तो सभी भक्ति रस में गोते लगाने लगे। अर्वीना ने मइया तेरी चूनर पे नाम लिख दूं पढ़ा तो सभी झूम उठे। प्रतापगढ़ से आभा मिश्रा ने अपनी रचना से नवरात्र का महात्म्य बताने वाली रचना नवरात्रि में भवन चमकता है सारे भक्तों पर करुणा बरसता है सुनाई। इसी क्रम में मुंबई से श्रृंखला शुक्ला ने मईया चली आओ मईया सुनाया तो सभी ने उनके सुर में सुर मिला दिया। मुरादाबाद से डॉ रेखा सक्सेना ने ऋषि कात्यायन की तपस्या से कात्यायनी मिलीं पुत्री रूपा सुना कर पौराणिक कथा को भी बताने का प्रयास किया। डॉ नंदिनी शर्मा नित्या ने मेरी मैय्या का सज गया दरबार, मैय्या दर्शन दें.. दर्शन दे माँ के जरिए वंदना की।

शक्ति स्वरूपा बता की आराधना

इस आयोजन में को शक्ति स्वरूपा बता कर देवी की आराधना की गई। मीरा सिन्हा ने हे देवी तुम शक्ति स्वरूपा हम सबके जीवन का आधार बता कर अपने भक्ति भाव को दिखाया। जौनपुर से मधु पाठक ने मैया का रूप सुहाना मैया ओढ़े चुनरी गीत प्रस्तुत किया।प्रयागराज से चेतना चितेरी ने कहा हे कात्यायनी माता मै तेरी ही गुण गाऊं जब कि मध्य प्रदेश मंडला से नवनीता दुबे ने हे माँ कात्यायिनी,तुम्हारी महिमा न जाये बखानी सुनाकर तालियां बंटोरी। रुचि मटरेजा ने कुवांरी कन्या माता से माँगे वर.. और रचना सक्सेना ने लाल रंग की चुनरी ओढें माता नवरातन में आई गीत प्रस्तुत किया।

इन्होंने भी पढ़ी अपनी रचना

नई दिल्ली से स्नेहा उपाध्याय, प्रयागराज से डॉ उपासना पांडेय, संतोष मिश्रा दामिनी, गाजियाबाद से नीरजा मेहता, निशा अतुल्य, लखनऊ से विजय कुमारी मौर्य, राजस्थान से मधु वैष्णव, कानपुर से सुधा शर्मा, प्रयागराज से नीना मोहन, दिल्ली से डॉ सरला सिंह स्निग्धा', कविता उपाध्याय, दमोह से कुसुम खरे, प्रयागराज से पूर्णिमा मालवीय, आरा बिहार से अनामिका अमिताभ गौरव आदि ने रचनाओं को सुनकर मा की आराधना की।

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