प्रतापगढ़ में कलेजे के टुकड़े का शव देख पिता को पड़ा दिल का दौरा, मौत, परिवार टूटा गमों का पहाड़

कैलाश खंडेलवाल के दामाद की दो महीने पहले ही कोरोना से मौत हो गई थी। विशाल के बड़े भाई अनूप माता-पिता को एयरपोर्ट पहुंचाने गए थे। अनूप खंडेलवाल और समूचे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 10:47 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 10:47 PM (IST)
प्रतापगढ़ में कलेजे के टुकड़े का शव देख पिता को पड़ा दिल का दौरा, मौत, परिवार टूटा गमों का पहाड़
प्रयागराज से आए पिता को बेटे का शव देख हार्ट अटैक आ गया।

प्रयागराज, जेएनन। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में जीआइसी गली में शनिवार सुबह दुकान की छत से कूड़ा फेंकते समय हाईटेंशन लाइन से उतरे करंट की चपेट में आने से कपड़ा व्यापारी की मौत हो गई। फिर प्रयागराज से आए पिता को बेटे का शव देख हार्ट अटैक आ गया। इलाज के बाद भी जान नहीं बचाई जा सकी। महज कुछ घंटों के भीतर पिता-पुत्र की मौत से गली में मातम छा गया।

 पल्टन बाजार स्थित सब्जी मंडी निवासी विशाल खंडेलवाल (42) पुत्र कैलाश खंडेलवाल की जीजीआइसी गली में कपड़े की दुकान है। दुकान में निर्माण चल रहा है। विशाल शनिवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे दुकान पर पहुंचे और छत पर फैले कूड़े को तसले में भरकर नीचे फेंकने लगे। इसी बीच पास से गुजरे हाईटेंशन लाइन का करंट तसले में उतर गया। विशाल एक झटके में छत पर नीचे गिरे। दुकान पर रहे कर्मचारी फौरन उन्हें लेकर जिला अस्पताल भागे। वहां चेकअप के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। स्वजन जिला अस्पताल से शव लेकर घर चले आए। रायपुर में रहने वाले दामाद के घर जा रहे माता-पिता को बेटे की तबीयत खराब होने की जानकारी दी गई तो वह प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट से लौटे। दोपहर करीब एक बजे घर पहुंचते ही बेटे का शव देखते कैलाश खंडेलवाल (70) को हार्ट अटैक पड़ा। लोग उन्हें लेकर फौरन प्रयागराज स्थित एक निजी अस्पताल ले गए। वहां दोपहर करीब तीन बजे उनके प्राण पखेरू उड़ गए। इस बीच पुलिस ने विशाल के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

एक साथ पिता-पुत्र की मौत से स्वजन, मोहल्ले और व्यापारी वर्ग में मातम छा गया। विशाल की पत्नी वैशाली, बेटा सागर (15) व बेटी खुशी (12) रोने बिलखने लगे। आलोक खंडेलवाल, प्रवीण खंडेलवाल, मनोज खंडेलवाल, आनंद खंडेलवाल, विजय खंडेलवाल, पूरनचंद्र खंडेलवाल, विकास खंडेलवाल, रजत खंडेलवाल सहित तमाम व्यापारी घर पहुंचे। शोक संवेदना जताने के लिए व्यापारियों का तांता लगा रहा।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

कैलाश खंडेलवाल के दामाद की दो महीने पहले ही कोरोना से मौत हो गई थी। वह मातम पुरसी के लिए सपत्नीक रायपुर जा रहे थे। बमरौली (प्रयागराज) से फ्लाइट पकडऩी थी। विशाल के बड़े भाई अनूप माता-पिता को एयरपोर्ट पहुंचाने गए थे। अनूप खंडेलवाल और समूचे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अनूप की पत्नी की भी तबीयत खराब चल रही है।

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