हत्या आऱोपित बेटे को बचाने के लिए फर्जीवाड़ा करने पर गिरफ्तार पिता को नहीं मिली जमानत

किशोर न्याय बोर्ड ने अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों की जांच की और संबंधित प्रधानाचार्य को तलब किया। तब प्रधानाचार्य बोर्ड के समक्ष उपस्थित हुए और बयान दिया कि अभियुक्त का लड़का रोहित उनके विद्यालय का छात्र नहीं है और ना उनके विद्यालय से कोई टीसी जारी की गई हैl

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 07:40 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 07:40 AM (IST)
हत्या आऱोपित बेटे को बचाने के लिए फर्जीवाड़ा करने पर गिरफ्तार पिता को नहीं मिली जमानत
फर्जी कागजात प्रस्तुत करने के मामले में आरोपित पिता शिवचंद यादव की जमानत अर्जी खारिज हो गई

प्रयागराज, विधि संवाददाता। हत्या के जुर्म में गिरफ्तार बेटे को नाबालिग घोषित कराकर राहत दिलाने के इरादे से फर्जी कागजात बनाकर किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत करने के मामले में आरोपित पिता शिवचंद यादव की जमानत अर्जी खारिज हो गई है।

हंडिया इलाके का है यह मसला

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार शुक्ल ने बुधवार को सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अखिलेश सिंह बिसेन व राधा के तर्कों को सुनने के बाद जमानत अर्जी नामंजूर कर दी। प्रकरण हंडिया थाने से संबंधित है। अभियोजन के अनुसार शिवचंद यादव का पुत्र रोहित यादव हत्या के एक मुकदमे में अभियुक्त बनाया गया है l शिवचंद ने अपने पुत्र रोहित यादव को नाबालिग घोषित कराने के लिए किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष कुछ कागजात प्रस्तुत किए और शपथ पत्र देकर रोहित यादव के अंकपत्र, विद्यालय की टीसी और परिवार रजिस्टर की नकल को लगाकर उसे नाबालिग बताया l किशोर न्याय बोर्ड ने अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों की जांच की और संबंधित प्रधानाचार्य को तलब किया। तब प्रधानाचार्य बोर्ड के समक्ष उपस्थित हुए और बयान दिया कि अभियुक्त का लड़का रोहित यादव उनके विद्यालय का छात्र नहीं है और ना ही उसके विद्यालय से कोई टीसी जारी की गई हैl इसके बाद पुलिस ने फर्जीवाड़ा करने पर पिता शिवचंद को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

दिव्यांग महिला को पीटने में एक साल की कैद

प्रयागराज : जिला न्यायालय ने दिव्यांग महिला को मारने-पीटने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप साबित होने पर एक-एक साल की कैद और पांच-पांच हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह निर्णय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्र नाथ ने अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार को सुन कर दिया है l

घटना 12 सितंबर 2018 की कोतवाली थाने में हुई। वादिनी शहनाज फातमा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह मुंबई में रहती है। वह अपने घर आई थी। वह दिव्यांग है। वादिनी ने घर के सामने खड़ी गाड़ी को हटाने के लिए कहने पर जीशान, ऐनुल और फैजानुल हक ने मारपीट की। जब वह जमीन पर गिर गई तो अभियुक्तों ने मिलकर उसका गला दबाया और जान से मारने की धमकी दी। अभियोजन ने आरोप साबित करने के लिए तीन गवाह प्रस्तुत किए।

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