कछारी क्षेत्र में खेती करने वाले किसानों काे हो रहा आर्थिक नुकसान, बेसहारा मवेशी बने कारण

अंधेरे में गोशाला से मवेशी निकलकर खेतों में पहुंच जाते हैं और फसल को चट कर जाते हैं। बेसहारा मवेशियों के द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने से रंगपुरा फाफामऊ मोरोहूं गद्दोपुर मलाक हरहर शिवपुर चंदापुर सुमेरी का पूरा सहित दर्जनों गांव के किसान परेशान हैं।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 11 Jan 2021 01:42 PM (IST) Updated:Mon, 11 Jan 2021 04:27 PM (IST)
कछारी क्षेत्र में खेती करने वाले किसानों काे हो रहा आर्थिक नुकसान, बेसहारा मवेशी बने कारण
प्रयागराज के फाफामऊ स्थित कछारी इलाकों में खेती करने वाले किसान बेसहारा मवेशियों से परेशान हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में फाफामऊ के कछारी क्षेत्रों में खेती करने वाले किसानों को आर्थिक रूप से क्षति हो रही है। इसका कारण बेसहारा मवेशी हैं। वह किसानों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। मौका पाते ही मवेशी फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही उसे चट कर दे रहे हैं। खेतों में लगी गेहूं, आलू, सरसों, मटर के अलावा सब्जियों की खेती को इससे काफी नुकसान हो रहा है।

अपने खेतों की फसलों को बचाने के लिए किसानों को ठंड की रात में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। किसान दिन-रात एक कर फसल की रखवाली करने में जुटे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से किसानों ने रात में फसलों की रखवाली के लिए खेतों के बीचों बीच ऊंचाई पर मचान बना रखा है। इस पर बैठकर वे रतजगा कर फसल की रखवाली करते हैं। इस दौरान जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है। वहीं किसानों से थोड़ी चूक हुई तो बेसहारा मवेशी समूहों में पहुंचकर खेतों में बोई गई फसलों को नष्ट कर देते हैं।

दर्जनों गांव के किसान परेशान हैं

किसानों का कहना है कि गांव में बेसहारा मवेशियों के लिए सरकार द्वारा गोशाला तो खोले गए हैं लेकिन उससे कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। अंधेरे में गोशाला से मवेशी निकलकर खेतों में पहुंच जाते हैं। बेसहारा मवेशियों के द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने से रंगपुरा, फाफामऊ, मोरोहूं, गद्दोपुर, मलाक हरहर, शिवपुर, चंदापुर, सुमेरी का पूरा सहित दर्जनों गांव के किसान परेशान हैं।

आप भी जानें किसानों का दर्द
रोशन मौर्या, दिलीप यादव, शक्ति त्रिपाठी, मुन्नी लाल यादव, जिलेदार यादव, शंकर पटेल आदि किसानों का कहना है कि बेसहारा मवेशी किसानों द्वारा मेहनत से बोली गई फसलों को नष्ट कर दे रहे हैं। कई बार तहसील प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन से इस समस्या से निजात दिलाए जाने की मांग की गई मगर कुछ नहीं हो सका। वही उप जिलाधिकारी सोरांव अनिल चतुर्वेदी का कहना है कि वह किसानों की समस्या से अवगत हैं। जल्द से जल्द इसका निवारण निकाल लिया जाएगा।

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