ये है कौशांबी का सुर्खा, स्वाद व खुशबू के दम पर अमरूद की इस प्रजाति ने बनाई है पहचान

कौशांबी का नाम पूरे देश में सुर्खा अमरूद से भी है। यहां के अमरूद की मिठास और स्‍वाद के सभी दीवाने हैं। बढ़ती मांग को देखकर शासन स्‍तर से भी इस ओर ध्‍यान दिया गया है। वहीं उद्यान विभाग किसानों को अमरूद की खेती के लिए प्रेरित भी करता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 04:01 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 04:03 PM (IST)
ये है कौशांबी का सुर्खा, स्वाद व खुशबू के दम पर अमरूद की इस प्रजाति ने बनाई है पहचान
कौशांबी के सुर्खा अमरूद की दूर-दूर तक मांग हे। किसान इससे आर्थिक स्थिति सुधार रहे हैं।

कौशांबी, जेएनएन। स्वाद और खुशबू के दम पर देश-प्रदेश में कौशांबी की माटी में पैदा होने वाला सुर्खा अमरूद अपनी पहचान बनाए हुए है। अमरूद की बागवानी करा कर किसानों की आर्थिक स्थित में सुधारने के उद्यान विभाग प्रयासरत है। इन दिनों जिले की 2400 हेक्टेयर भूमि में अमरूद के बाग हैं। हजारों किसान अमरूद की बागवानी के जरिए अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं।

अमरूद की बागवानी को बढ़ाने पर शासन का प्रयास

देश के कोने-कोने में विख्यात सुर्खा अमरूद कौशांबी जननद में काफी मात्रा में होता है। पहले किसान अपने से अमरूद की खेती करते थे। यहां के अमरूद की बढ़ती मांग को देखते हुए उद्यान विभाग ने शासन को रिपोर्ट भेजी। इसके आधार पर जिला औद्यानिक मिशन के तहत अमरूद की बागवानी को बढ़ाने का फैसला शासन ने लिया। वर्ष 2007 में इस संबंधित में जिला प्रशासन व उद्यान विभाग को आवश्यक निर्देश दिया। तभी से जिला उद्यान अधिकारी व कर्मचारी क्षेत्र भ्रमण कर किसानों को अमरूद की बागवानी करने के लिए प्रेरित कर रहे है। उसी का नतीजा है कि इन दिनों जनपद में 2400 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अमरूद की बागवानी है। इसका लाभ किसानों को मिल रहा है।

आइए, जानते हैं क्‍या कहते हैं किसान

उमरछा, असरावल कला, पैगंबरपुर, कशिया, ककोढ़ा समेत कई गांवों के किसान अमरूद की बागवानी से मालामाल हो रहे हैं। विकास खंड सिराथू क्षेत्र के श्रवणपुर के किसान राधेमोहन, रक्सवारा के असद कासिम, डोरमा के प्रवल प्रताप सिंह, फरीदपुर समरो के मिथलेश कुमार मौर्या का कहना है कि अमरूद की बागवानी से अच्छी आय हो रही है। कोलकता, दिल्ली, बनारस, लखनऊ आदि स्थानों में सुर्खा की बिक्री होती है।

फल पट्टी योजना में दो ब्लॉक शामिल

जिले के सभी विकास खंडों में अमरूद की बागवानी की जाती है। हालांकि सबसे ज्यादा चायल और मूरतगंज में इसकी बागवानी होती है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अमरूद की बढ़ती मांग को देखते हुए जिले को अमरूद फल पट्टी योजना में चयन कराया है। योजना के तहत इस बार उद्यान विभाग की ओर से 15 हेक्टेयर भूमि पर अमरूद की बागवानी कराई गई है।

बोले, जिला उद्यान अधिकारी

जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र राम भाष्‍कर कहते हैं कि जिला औद्यानिक मिशन के तहत अमरूद की बागवानी का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए विभाग प्रयासरत है। किसानों का चयन कर हर वर्ष विभाग की ओर से पौधारोपण कराया जाता है। चयनित किसानों को बागवानी के लिए 19170 रुपये प्रति हेक्ट्रेयर के हिसाब से सहायता देने का प्रावधान है।

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