परेशान हैं अन्नदाता, गेहूं की बोआई अंतिम दौर में लेकिन समितियों से डीएपी नदारद
किसान बाजार से नकली डीएपी खरीदने के लिए मजबूर हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ खोखले बयान देते दिख रहे हैं। किसानों का कहना है कि अधिकारियों को उनकी समस्या की कोई चिंता नहीं है। ऐसे में खेती करना मुश्किल होता जा रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। गेहूं की बोआई अंतिम दौर में चल रही है, लेकिन किसान डीएपी को तरस रहे हैं । प्रयागराज हो या फिर प्रतापगढ़ और कौशांबी, ज्यादातर साधन सहकारी समितियों पर डीएपी नहीं है। किसान बाजार से नकली डीएपी खरीदने के लिए मजबूर हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ खोखले बयान देते दिख रहे हैं। किसानों का कहना है कि अधिकारियों को उनकी समस्या की कोई चिंता नहीं है। ऐसे में खेती करना मुश्किल होता जा रहा है।
किसान परेशान और अफसर कहते हैं कि मिल रही डीएपी
शिवगढ़ ब्लाक में नौ समितियां हैं। गौरा ब्लाक में सात समितियां हैं, लेकिन साधन सहकारी समितियों पर डीएपी नदारद है। इसके चलते किसान समितियों के चक्कर काट रहे हैं । गौरा ब्लाक में रामापुर, नौडेरा, महमदपुरपाली, पटहटिया कला, नरायनपुरकला, कौलापुरनंदपट्टी, सुल्तानपुर, धनुहा सहित आठ सहकारी समितियां हैं । शिवगढ़ ब्लाक में पांडेय तारा, लच्छीपुर, जामताली, दरियापुर पावर हाउस, देलासा सहित किसी भी समिति पर डीएपी नहीं है। सुभाष चंद्र तिवारी, बृज श्याम तिवारी, रामखेलावन मिश्रा, ऊधम सिंह, अनिरुद्ध तिवारी, ब़ंसतलाल तिवारी सहित किसानों का कहना है कि समितियों पर डीएपी नदारद होने से बाजारों में महंगे दाम पर डीएपी खरीदनी पड़ रही है । एडीओ कोआपरेटिव गिरीश कुमारी व एडीओ पंचायत दिलीप कुमार का कहना है कि समितियों पर डीएपी आई थी। वितरण किया गया है, कुछ समिति पर है और वितरण किया जा रहा है।