धान की फसल में कंडुआ रोग लगने से किसान चितित
कड़ी मेहनत के बाद तैयार की गई धान की फसल की कटाई से कुछ ही दिन पहले धान की बालियों में कंडुआ रोग लगने की रफ्तार दिन-प्रतिदिन तेज होती जा रही है। जिससे फसल की पैदावार में कमी आने के साथ ही धान बर्बाद होने की चिता किसानों को सताने लगी है। किसान इसको लेकर काफी चिंतित हैं।
लालगोपालगंज : कड़ी मेहनत के बाद तैयार की गई धान की फसल की कटाई से कुछ ही दिन पहले धान की बालियों में कंडुआ रोग लगने की रफ्तार दिन-प्रतिदिन तेज होती जा रही है। जिससे फसल की पैदावार में कमी आने के साथ ही धान बर्बाद होने की चिता किसानों को सताने लगी है। किसान इसको लेकर काफी चिंतित हैं।
लालगोपालगंज कस्बा समेत ग्रामीण क्षेत्रों में 90 फीसद काश्तकारों ने धान की फसलें तैयार किया है। चिलचिलाती धूप में धान की रोपाई करने के बाद हाड़ तोड़ मेहनत के बाद धान की फसलों की देखरेख करते रहे। बेसहारा मवेशियों के झुंड से धान की फसल को बचाने के लिए दिन रात एक कर तकवारी करने से बिल्कुल भी परहेज नहीं किया। धान में बाली लगने के बाद कटाई करने से कुछ ही दिन पहले धान की अधिकांश फसलों में कंडुआ रोग लगने से फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है। तमाम तरह के उपाय करने के बाद कंडुवा रोग से धान की फसल को बचाने में बेबस नजर आ रहे हैं। क्षेत्र के उमाशंकर पांडेय, निलेश पांडेय, धर्मेंद्र पांडेय, लल्लन पटेल, राम बहादुर प्रजापति, काशीराम पटेल, रामबरन पटेल, वासुदेव पटेल, छोट्टन, मुन्ना आदि काश्तकारों ने बताया कि कंडुआ रोग लगने के बाद भी कटाई और मड़ाई में अनावश्यक खर्च लगेगा। जिससे किसानों को शुरू से अब तक नुकसान ही उठाना पड़ रहा है। इससे किसानों में चिंता बढ़ती जा रही है। किसानों का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। किसानों के मुताबिक उन्हें काफी नुकसान हुआ है।