जेल में बंद शार्प शूटर से सुराग मिलने की उम्मीद

जागरण संवाददाता प्रयागराज बहुचर्चित डॉ. एके बंसल हत्याकांड की चार साल से तफ्तीश कर रही पुलिस को जेल में बंद एक शार्प शूटर से सुराग मिलने की उम्मीद है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 09:11 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 09:11 PM (IST)
जेल में बंद शार्प शूटर से सुराग मिलने की उम्मीद
जेल में बंद शार्प शूटर से सुराग मिलने की उम्मीद

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : बहुचर्चित डॉ. एके बंसल हत्याकांड की चार साल से तफ्तीश कर रही पुलिस को जेल में बंद एक शार्प शूटर से सुराग मिलने की उम्मीद है। इसके लिए शूटर के जेल से बाहर आने का इंतजार किया जा रहा है। दोनों हाथ से पिस्टल चलाने वाला और शातिर दिमाग का शूटर फिलहाल सुल्तानपुर जेल में बंद है। पुलिस और स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने उस शूटर का कनेक्शन एडमिशन माफिया आलोक सिन्हा से खंगाला था। इसके बाद शूटर दूसरे मुकदमे में जमानत तोड़वाकर सलाखों के पीछे चला गया और अब तक बाहर नहीं आया।

रामबाग स्थित जीवन ज्योति अस्पताल के चेंबर में घुसकर डॉ. बंसल को तीन गोली मारी गई थी। इसके बाद शूटर अस्पताल के पिछले दरवाजे से फरार हो गए थे। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस और एसटीएफ ने कई बदमाशों और शूटरों को पूछताछ के लिए उठाया तो कुछ के नाम सामने आए थे। इसी दौरान प्रयागराज और प्रतापगढ़ के कुछ शूटरों के बारे में जानकारी लगी। पता चला था कि जिस वक्त आलोक सिन्हा नैनी जेल में बंद था, उसी दौरान उसके ही बैरक में कई शूटर भी थे। डॉ. बंसल ने ही बिहार निवासी आलोक सिन्हा के विरुद्ध सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल जाने से पहले आलोक ने डॉ. बंसल के एक करीबी डॉक्टर को देख लेने की धमकी दी थी। इस आधार पर माना गया था कि आलोक सिन्हा जेल जाने का बदला डॉ. बंसल से ले सकता है। हालांकि, जमानत पर छूटने के बाद आलोक ने अपना ठिकाना बदल लिया और पुलिस उससे पूछताछ तक नहीं कर सकी है।

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मारे गए शूटर पर गहराया था शक

शूटरों के जरिए हत्या की साजिश रचने का पुलिस और एसटीएफ ने भरसक प्रयास किया था। डॉ. बंसल की हत्या के चंद दिनों बाद ही प्रयागराज के बाहर एक शार्प शूटर की हत्या की दी गई थी, लेकिन उसी पर पुलिस का शक गहराया था। छानबीन में यह तथ्य भी सामने आया था कि शूटर को उसके ही साथियों ने मारा है, लेकिन उसकी हत्या का भी राजफाश नहीं हो सका है। कुछ पुलिस अधिकारी मानकर चल रहे थे मारे गए शूटर ने सुपारी ली रही होगी और काम करने बाद उसका भी कत्ल कर दिया गया। ताकि पुलिस की गिरफ्त से साजिशकर्ता बच सकें।

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विधायक के करीबी की भूमिका रही संदिग्ध

जीवन ज्योति अस्पताल में मरम्मत कार्य का ठेके लेने वाला एक शख्स एक विधायक का करीबी है। डॉ. बंसल उसे पसंद नहीं करते थे, लेकिन उनके परिवार के दूसरे उस व्यक्ति को काफी पसंद करते थे। इसको लेकर उनके बीच अनबन भी होती थी। हत्याकांड के बाद पुलिस ने उसके मोबाइल की कॉल डिटेल रिकार्ड खंगाला तो यमुनापार के कद्दावर शख्स से उसकी बातचीत का रिकार्ड मिला। वह कद्दावर शख्स विधायक का करीबी है। उसने वारदात से कुछ दिन पहले डॉ. बंसल को धमकी भी दी थी।

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