कोरोना संकट में प्रयागराज के उद्यमियों की आस, बिजली के फिक्स चार्ज और ब्याज माफ करे सरकार

कोरोना के जबर्दस्त प्रभाव में औद्योगिक इकाइयां भी हैं। ज्यादातर इकाइयों का उत्पादन घटकर करीब 30 से 50 फीसद तक रह गया है। कुछ इकाइयां बंद कर दी गईं। इकाइयों को चलाने के लिए सरकार को उद्यमियों के लिए राहत के द्वार खोलने चाहिए जिसकी उम्मीद बनी है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 10:42 AM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 10:42 AM (IST)
कोरोना संकट में प्रयागराज के उद्यमियों की आस, बिजली के फिक्स चार्ज और ब्याज माफ करे सरकार
ज्यादातर इकाइयों का उत्पादन घटकर करीब 30 से 50 फीसद तक रह गया है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर बहुत घातक है। इसके जबर्दस्त प्रभाव में औद्योगिक इकाइयां भी हैं। तमाम तरह की दिक्कतों के बीच ज्यादातर इकाइयों का उत्पादन घटकर करीब 30 से 50 फीसद तक रह गया है। कुछ इकाइयां उद्यमियों ने बंद भी कर दिया है। ऐसे में इकाइयों को चलाने के लिए सरकार को उद्यमियों के लिए राहत के द्वार खोलने चाहिए। जो अभी तक संभव नहीं हो सका। उद्यमियों ने सरकार से बिजली के फिक्स चार्ज, बैंकों के ब्याज दर, मेंटिनेंस चार्ज में छूट मिलने की उम्मीद लगाई हैं तो जीएसटी रिटर्न भरने की समय सीमा बढ़ाने जाने की भी मांग की हैं। पेश है कारोबारियों की समस्याओं व सरकार से अपेक्षा और हमारे जन प्रतिनिधियों से बातचीत पर दैनिक जागरण की रिपोर्ट...

भारत पंप एंड कंप्रेसर्स लिमिटेड (बीपीसीएल) को शुरू करने के लिए भारी उद्योग मंत्री सतीश महाना से बात हुई है। उसी दिशा में प्रयास चल रहा है। एक बड़ी कंपनी के फिर से शुरू होने से प्रयागराज को बहुत फायदा होगा।
डा. रीता बहुगुणा जोशी, सांसद

उद्योगों को राहत देने के लिए अभी मसौदा तैयार हो रहा है। मसौदे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। वर्तमान समय में मई और जून महीने में अनाज देने की व्यवस्था शासन की ओर से हो चुकी है।
सिद्धार्थनाथ सिंह, कैबिनेट मंत्री।

जानिए क्या कहते हैं उद्यमी

उद्यमियों को राहत देने के लिए सरकार बिजली के फिक्स चार्ज और न्यूनतम दर को माफ करे। यूपीएसआइडीसी के मेंटिनेंस चार्ज को एक साल के लिए माफ करे। बैंक लोन के ब्याजदर में छूट दे।
विनय टंडन, अध्यक्ष ईस्टर्न यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज।

इस बार की स्थिति पहले से ज्यादा खराब है। इसलिए ब्याज माफ किया जाए। जीएसटी रिटर्न की तिथि बढ़ाई जाए। बिजली के फिक्स चार्ज पर छूट दी जाए और इंडस्ट्री को वित्तीय मदद दी जाए।
अनिल अग्रवाल, सचिव ईस्टर्न यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज।

बिजली के बिल और बैंकों की ईएमआई पर छूट मिलना चाहिए। सभी फैक्ट्रियों में काम प्रभावित है। मजदूरों की भी मदद की जा रही है। ऐसे में सरकार को इकाइयों को चलाने के लिए पैकेज देना चाहिए।
अरविंद कुमार राय, अध्यक्ष यूपीएसआइए।

किसी भी कंपनी का उत्पादन 50 फीसद से ज्यादा नहीं है। सरकार को बिजली का फिक्स चार्ज माफ करना चाहिए। ताकि उद्यमियों पर इसका बोझ न पड़े। ब्याज में भी छूट देना चाहिए।
राजीव नैयर, अध्यक्ष नैनी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन।

कंपनी बंदी की कगार पर हैं। सरकार पिछले साल की तरह बिना ब्याज के लोन मुहैया कराए। बिजली का बिल भी माफ करे, क्योंकि इस साल स्थिति बहुत भयावह है। रिटर्न फाइल करने की समय सीमा भी बढ़ाई जाए।
विशाल मोहन, उपाध्यक्ष इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिसएशन।

बैंकों का ब्याज सरकार को माफ कर देना चाहिए। सब्सिडी बहुत विलंब से मिलती है। सरकार को उसे तत्काल दे देना चाहिए। इससे उद्यमियों को राहत मिलेगी।
हेमंत कुमार, डायरेक्टर मोदी मल्टी बॉक्स।

जीएसटी रिटर्न भरने के लिए समय की बाध्यता खत्म की जाए। सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे टैक्स जमा करने के लिए दुविधा में न पडऩा पड़े। मजदूरों के लिए महीने का खर्च और खानपान का इंतजाम करना चाहिए।
नीरज कुमार, डायरेक्टर वेंचुरा ट्रांसमेटल्स प्राइवेट लिमिटेड।

इस बार स्थिति ज्यादा गंभीर है। सरकार को उद्यमियों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। पिछली बार कोविड फंड का एलॉटमेंट हुआ था। इस बार भी सरकार वैसी व्यवस्था करे। लेकिन, लोन पर ब्याज न लिया जाए।
वीरेंद्र कुमार गुप्ता, महारानी पाइप एंड फिटिंग इंडस्ट्रीज  

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