Weather Forecast of Prayagraj: अबकी नवतपा तपेगा जरूर मगर इतना नहीं कि जमकर बरसें बदरा

मौसम विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. शैलेंद्र राय कहते हैं कि तापमान में वृद्धि निश्चित तौर पर अच्छे मानसून को जन्म देती है> चक्रवात टाक्टे से जिस तरह तापमान लुढ़का है अनुमान लगाया जा सकता है कि मई में अधिकतम तापमान शायद ही 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सके।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 11:48 AM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 01:47 PM (IST)
Weather Forecast of Prayagraj: अबकी नवतपा तपेगा जरूर मगर इतना नहीं कि जमकर बरसें बदरा
भारतीय चिंतन में अच्छे मानसून की कामना की जाती है। कृषि केंद्रित अर्थव्यवस्था की धुरी जो है यह

प्रयागराज, जेएनएन। इस बार नवतपा (नौतपा) तपेगा जरूर पर वैसा नहीं जैसी उम्मीद होती है। जाहिर है इससे मानसून की चाल भी थोड़ा बहुत गड़बड़ाएगी। अब तक के संकेतों का फलाफल इतना ही माना जा रहा है संगमनगरी में।
भारतीय चिंतन में अच्छे मानसून की कामना की जाती है। हो भी क्यों न कृषि केंद्रित अर्थव्यवस्था की धुरी जो है यह। कैसी बारिश होगी, इसका अनुमान मौसम विभाग पहले ही जारी करता है। इस बार औसत से सामान्य बारिश का अनुमान है। मौसम विज्ञानी इसके इर्द गिर्द औसत और उससे कुछ कम बारिश की बात कर रहे हैं। ज्योतिष का भाष्य भी कमोवेश ऐसा ही है।

मौसम विज्ञानी और ज्योतिष की राय लगभग एक जैसी

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में मौसम विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. शैलेंद्र राय कहते हैं कि तापमान में वृद्धि निश्चित तौर पर अच्छे मानसून को जन्म देती है और इस बार वैसा नहीं दिखा है अभी तक। चक्रवात टाक्टे से जिस तरह तापमान लुढ़का है, उसे देख कर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि मई में अधिकतम तापमान शायद ही 47 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच सके। प्रयागराज में मई में अधिकतम तापमान 48.4 डिग्री सेल्सियस तक रहा है। वर्ष 1994 में 30 मई को यह रिकार्ड बना था। बारिश भी जबर्दस्त हुई थी। इस बार मई में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस रहा है।

सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश नवतपा ( नौतपा) कहलाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आते हैं। इन्हीं दिनों में पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्म होते हैं और नौतपा कहलाते हैं। खगोल विज्ञान कहता है कि इस दौरान धरती पर सूर्य की किरणें लम्बवत पड़ती हैं, इसलिए तापमान बढ़ जाता है।  संगमनगरी में स्थानीय समयानुसार इस वर्ष 25 मई की सुबह  9:03 बजे सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और नवतपा शुरू हो जाएगा। यह  तीन जून तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य अमित बहोरे बताते हैं कि 26 मई से मंगल और शनि का समसप्तक योग रहेगा। धरती तपेगी चूंकि इस संवत्सर के राजा भी मंगल हैं इसलिए आग लगने की घटनाएं ज्यादा हो सकती हैं। नौतपा के शुरूआती दो दिनों में गर्मी काफी रहेगी, फिर तेज हवाओं से थोड़ी कमी महसूस होगी। आखिरी दो दिन हल्की बारिश हो सकती है। यही मिजाज मानसून की चाल को पूर्वी उत्तरप्रदेश में प्रभावित करेगा। वैसे आठ जून तक प्रचंड गर्मी होगी, लू वाली। इस कारण आंधी तूफान के योग भी बनते रहेंगे।

chat bot
आपका साथी