Electricity Theft: बिजली मीटर में चोरी के खेल में फंसेंगे विभागीय लोग, गोपनीय तरीके से हो रही इसकी जांच
Electricity Theft प्रवर्तन दल की टीम ने बिजली मीटर की चोरी मामले की जांच कर रही है। मीटरों को कहां से और कब चोरी किया गया इसका पता लगाया जा रहा है। मुख्य अभियंता विनोद गंगवार भी गोपनीय तरीके से कुछ अधिकारियों को लगाकर इसकी पड़ताल करवा रहे हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के मुट्ठीगंज क्षेत्र से चार दिन पहले बड़ी संख्या में बरामद बिजली के मीटर के मामले में जांच तेज कर दी गई है। प्रवर्तन दल के साथ ही गोपनीय तरीके से विभागीय अधिकारी भी पूरे प्रकरण को खंगालने में लगे हैं। जिस तरह से मीटरों की बरामदगी हुई है और इसे बिजली विभाग से चोरी करना बताया गया है, उससे यह साफ है कि इसमें विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारी की गर्दन फंस सकती है।
बिजली मीटरों में खेल करने वाला गिरोह सक्रिय
मुख्य अभियंता विनोद गंगवार को कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि बिजली के मीटरों में खेल करना वाला कोई गिरोह प्रयागराज शहर में सक्रिय है। उन्होंने पुलिस उपाधीक्षक (सतर्कता) नीरज सिंह से बातचीत की और फिर मंगलवार को प्रवर्तन दल व बिजली विभाग की टीम ने मुट्ठीगंज के रहने वाले राहुल गुप्ता उर्फ विपिन को गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर 347 मीटर, हाई फ्रिक्वेंसी मशीन समेत अन्य उपकरण बरामद किए गए थे। पूछताछ में उसने बताया कि बरामद मीटरों को उसने विभाग से ही चोरी की थी। इसमें और कौन-कौन लिप्त है, इस बारे में भी उसने प्रवर्तन दल को जानकारी दी थी। इसके बाद तो विभाग में हड़कंप मच गया।
प्रवर्तन दल की टीम कर रही जांच
प्रवर्तन दल की टीम ने एक-एक बिंदु को खंगालना शुरू कर दिया है। मीटरों को कहां से और कब चोरी किया गया, इसका पता लगाया जा रहा है। मुख्य अभियंता विनोद गंगवार भी गोपनीय तरीके से कुछ अधिकारियों को लगाकर इसकी पड़ताल करवा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस पूरे खेल में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध हो गई है। जिनके बारे में प्रवर्तन दल जानकारी एकत्र कर रहा है। मुख्य अभियंता का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
2006 में अंतरराज्यीय गैंग का हुआ था भंडाफोड़
बिजली के मीटर चोरी कर इसका गलत उपयोग करने का पहला मामला जिले में पकड़ा गया है। इसके पहले अगस्त 2006 में कानपुर शहर में ऐसे ही गैंग का पर्दाफाश हुआ था। मुख्य अभियंता विनोद गंगवार उस समय कानपुर में अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात थे। शातिरों ने इलेक्ट्रानिक मीटरों में डिवाइस लगाकर विभाग को करोड़ों की चपत लगाई थी। गैंग उप्र के साथ ही दिल्ली, हरियाणा, पंजाब में भी सक्रिय था।