ईद-ए-जहरा की खुशी में घर-घर सजी महफिल

जागरण संवाददाता प्रयागराज मोहर्रम खत्म होने पर मंगलवार को ईद-ए-जहरा की खुशी मनाई गई। शिया मुस्लिम महिलाओं ने काला वस्त्र छोड़कर रंगीन वस्त्र धारण किया। घरों में एक से एक पकवान बने।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 06:43 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 06:43 PM (IST)
ईद-ए-जहरा की खुशी में घर-घर सजी महफिल
ईद-ए-जहरा की खुशी में घर-घर सजी महफिल

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : मोहर्रम खत्म होने पर मंगलवार को ईद-ए-जहरा की खुशी मनाई गई। शिया मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में गम का माहौल थम गया। जगह-जगह महफिल सजी। घर-घर गुलगुले, पकौड़ी, सेंवई आदि पकवान बनाए गए। शिया मुस्लिम महिलाओं ने काला लिबास छोड़कर रंगीन वस्त्र धारण किया। कलाई में चूड़ियां पहनकर श्रृंगार किया।

मौलाना रजी हैदर ने बताया कि ईद-ए-जहरा जहां माहे मोहर्रम के खत्म होने की खुशी है वहीं बारहवें इमाम की ताजपोशी का भी दिन है। बरसों-बरस गमजदा रहने वाले इमामे सज्जाद को जब कर्बला में इमाम हुसैन और अन्य को शहीद करने वाले कातिल के वासिले जहन्नुम होने की खबर मिली तो वह मुस्कुराए। इसी कारण आज का दिन खुशियों की सौगात का है। इसके बाद शायर जमीर भोपतपुरी, हम्माद साहब,जावेद रिजवी करारवी, रौनक सफीपुरी, डॉ कमर आब्दी, तूफान दरियाबादी, नजीब इलाहाबादी, इतरत नकवी, अमन इलाहाबादी आदि शायरों ने विभिन्न महफिलों को अपनी रचनाओं से गुलजार किया। महफिल में मौलाना जव्वाद हैदर, सै. रिजवान हैदर रिजवी, हाजी मंजर कर्रार, रिजवान जव्वादी, फरमान रिजवी, हसनैन अख्तर, सै. मो. अस्करी, गौहर काजमी आदि मौजूद रहे।

ओलमाओं ने किया सम्मानित

बख्शी बाजार में अंजुमन गुंचा-ए-कासिमया के सदस्यों को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए ओलमाओं ने सम्मानित किया। अस्करी अब्बास की ओर से अंजुमन गुंचा-ए-कासिमया के शायर तालिब इलाहाबादी को बेहतरीन कलाम लिखने, नौहाख्वान शादाब जमन को नौहे की बेहतरीन अदायगी, मिर्जा अजादार को अंजुमन को संचालित करने और सै. मो. अस्करी को नशरो अशात मे बेहतरीन कार्य के लिए स्व. सगीर अब्बास स्मृति सम्मान से नवाजा गया।

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