इलाहाबाद हाईकोर्ट: नए वकीलों को अनुशासित एवं योग्य बनाने की कोशिश हो, बोले न्यायमूर्ति शेखर यादव

स्थापना दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्र कार्यवाह डा. वीरेंद्र जायसवाल ने कहा कि हमें व्यवस्था बदलने का प्रयास करना चाहिए। अपनी ताकत का अहसास होना चाहिए। जिसके बल पर हम व्यवस्था को ठीक कर सकें और इसके लिए हमें प्रयास करने चाहिए।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 10:16 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 10:16 AM (IST)
इलाहाबाद हाईकोर्ट: नए वकीलों को अनुशासित एवं योग्य बनाने की कोशिश हो, बोले न्यायमूर्ति शेखर यादव
अधिवक्ता परिषद के 29वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोले न्यायमूर्ति शेखर यादव

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर यादव ने सुझाव दिया कि नए वकीलों को अनुशासित एवं योग्य बनाने का प्रयास करना चाहिए। वह अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेश के 29वें स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार को उच्च न्यायालय इकाई और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से लाइब्रेरी हाल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

नए अधिवक्ताओं को अच्छी शिक्षा देनी चाहिए

स्थापना दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्र कार्यवाह डा. वीरेंद्र जायसवाल ने कहा कि हमें व्यवस्था बदलने का प्रयास करना चाहिए। अपनी ताकत का अहसास होना चाहिए। जिसके बल पर हम व्यवस्था को ठीक कर सकें और इसके लिए हमें प्रयास करने चाहिए। अधिवक्ता परिषद के प्रदेश महामंत्री शीतला प्रसाद गौड़ ने कहा कि नए अधिवक्ताओं को अच्छी शिक्षा देनी चाहिए जिससे वे योग्य और अनुशासित अधिवक्ता बन सकें। हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि केवल नए वकीलों का नहीं बल्कि हम वरिष्ठ अधिवक्ताओं का भी कर्तव्य है कि अपने पूर्वजों के बताए रास्ते पर चलकर उनके प्रयासों से शिक्षा एवं प्रेरणा लें। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष वीपी श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने कहा कि प्रेरणाश्रोत जबकि संचालन अतुल कुमार शाही ने किया। प्रारंभ में हाईकोर्ट इकाई के महामंत्री अजय कुमार मिश्र ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्रम कि स्मृतिचिह्न भेंटकर स्वागत किया।


अधिक आयकर वसूलने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई 16 अगस्त को

 ​​​​हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से 40 लाख रुपये से अधिक आयकर वसूले जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 16 अगस्त 2021 नियत की है। न्यायालय ने हाई कोर्ट बार एसोसिएशन को रिजाइंडर एफिडेविट दाखिल करने को कहा है । बार एसोसिएशन की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति सुधारानी ठाकुर की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।

आयकर विभाग ने वर्ष 2017-18 के लिए पुर्न कर निर्धारण का नोटिस दिया है। साथ ही 40  लाख रुपये का आयकर वसूला भी जा चुका है। इसे दो अलग अलग याचिकाएं दाखिल कर चुनौती दी गई है। बार एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश रंजन व सहयोग कर रहे वरिष्ठ कर एवं वित्त सलाहकार डा. पवन जायसवाल ने बताया कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन आयकर के दायरे में नहीं है क्योंकि यह संस्था सदस्यों के आपसी लाभ के लिए काम करती है। कोरोना काल में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं की मृत्यु हुई है जिनके आश्रितों को बार की ओर से पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। ऐसी परिस्थिति में आयकर विभाग द्वारा कर वसूली करना और नोटिस जारी करना गलत है। हाईकोर्ट बार एसो‌सिएशन की ओर से अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह, रामानुज तिवारी, अमिताभ अग्रवाल और अजीत कुमार आदि वकीलों ने पक्ष रखा।

chat bot
आपका साथी