Prayagraj Coronavirus Effect : शिक्षण संस्‍थानों की मनमानी, बच्‍चों से पूरी वसूल रहे फीस, शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन में कटौती

डॉ. सोनाली घोष ने बताया कि वह क्षेत्र के ही एक स्कूल में हिंदी और संस्कृत पढ़ाती थीं। पिछले वर्ष के लॉकडाउन के बाद से ही उन्हें स्कूल से हटा दिया गया। डॉ. गीता भी एक विद्यालय में जीव विज्ञान की शिक्षक थीं। उन्हें भी हटा दिया गया है।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Mon, 24 May 2021 06:12 PM (IST) Updated:Mon, 24 May 2021 06:12 PM (IST)
Prayagraj Coronavirus Effect : शिक्षण संस्‍थानों की मनमानी, बच्‍चों से पूरी वसूल रहे फीस, शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन में कटौती
कोरोना महामारी के बीच शिक्षण संस्थाएं भी खूब मनमानी कर रही हैं।

प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना महामारी के बीच शिक्षण संस्थाएं भी खूब मनमानी कर रही हैं। विद्यार्थियों से पूरी फीस ली जा रही है। सभी कक्षाएं ऑनलाइन संचालित हो रही हैं, बावजूद इसके वेतन में 40 से 60 फीसदी तक की कटौती कर दी गई है। कुछ जगहों पर शिक्षकों व कर्मचारियों को एक साल से वेतन नहीं मिला है। ऐसे संस्थान भी हैं, जहां छंटनी कर दी गई है।

तमाम शिक्षकों को हटा दिया गया

सुलेमसराय निवासी डॉ. सोनाली घोष ने बताया कि वह क्षेत्र के ही एक स्कूल में हिंदी और संस्कृत पढ़ाती थीं। पिछले वर्ष के लॉकडाउन के बाद से ही उन्हें स्कूल से हटा दिया गया। इसी तरह स्टेनली रोड निवासी डॉ. गीता भी एक विद्यालय में जीव विज्ञान की शिक्षक थीं। उन्हें भी हटा दिया गया है। इसी क्रम में डायसिस ऑफ लखनऊ के कर्मचारी यूनियन संघ अध्यक्ष सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि संबद्ध शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों से बराबर शुल्क लिया जा रहा है। कर्मचारियों और शिक्षकों का भुगतान नहीं हो रहा। कुछ शिक्षक-कर्मचारी ऐसे भी हैं, जो कोरोना संक्रमित भी हुए, लेकिन उनके पास इलाज का खर्च नहीं था। सुनील बताते हैं कि स्कूल प्रबंधन व डायसिस के पदाधिकारियों से कई बार समस्या के समाधान के लिए कहा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस प्रकरण में मुख्यमंत्री व डीएम को भी उन्होंने ट्वीट किया है।

अभिभावक बोले- पिछले साल की पूरी फीस दी, इस बार भी दे रहे

चौक निवासी सुधा गौड ने बताया कि पिछले साल उन्होंने अपने बच्चे की पूरी फीस जमा की थी। इस बार भी तीन- तीन महीने की फीस जमा की। इसके अतिरिक्त कॉपी-किताब, स्कूल ड्रेस व जूता-मोजा भी खरीदना पड़ा। मीरापुर की आरती केसरवानी, काला डांडा के चंद्र प्रकाश कौशल, कोठा पार्चा के दुर्गा प्रसाद गुप्त ने भी कहा कि महामारी में काम धंधा सब प्रभावित है, लेकिन स्कूलों की फीस वह बराबर जमा कर रहे हैं। पिछले साल भी पूरी फीस दिए, इस बार भी तीन-तीन महीने की फीस ली जा रही है। स्कूल के अन्य खर्चे भी उठाने पड़ रहे हैं।

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