Edible Oils Price: खाद्य तेलों की कीमतों में फिर से आया उछाल, कोरोना काल में आवक घटने का दिखा असर
Edible Oils Price इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि खाद्य तेलों की कीमतें कंपनियों बढ़ाती जा रही हैं। लेकिन इस तरफ सरकार का ध्यान बिल्कुल नहीं है। रेट में इतना ज्यादा वृद्धि से व्यापारियों को भी व्यापार करने में परेशानी होती है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस के बढ़ते तेजी से संक्रमण के कारण तो कहीं लॉकडाउन और कहीं रात्रिकालीन कर्फ्यू के कारण खाद्य तेलों एवं सामग्रियों की आवक घटी है। इसका असर खाद्य तेलों की कीमतों पर पड़ रहा है। खाद्य तेलों की थोक कीमतों में शुक्रवार को फिर 10 से लेकर 30 रुपये टिन वृद्धि हुई। इससे फुटकर कीमतों में भी उछाल आएगा।
होली के बाद से ही खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी बनी है। गत सोमवार को सरसों के तेल, सोयाबीन फाच्र्यून यानी रिफाइंड और पामोलीन की कीमतों में 15 रुपये टिन की वृद्धि हुई थी। मंगलवार को भी दामों में 15 से लेकर 25 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई थी। बुधवार को फिर 10-10 रुपये का इजाफा हुआ था। इससे सरसों के तेल का थोक रेट 2250 रुपये 15 किलो टिन, सोयाबीन फाच्र्यून यानी रिफाइंड का दाम 2200 रुपये 15 लीटर टिन और पॉमोलीन का मूल्य 2040 रुपये 15 किलो टिन हो गया था। शनिवार को सरसों के तेल में 20 रुपये की वृद्धि होकर 2270 रुपये और पॉमोलीन 20 रुपये बढ़कर 2060 रुपये टिन हो गया था। शुक्रवार को सरसों के तेल में दो रुपये प्रति लीटर, रिफाइंड और पामोलीन की कीमतों में 10-10 रुपये टिन की फिर वृद्धि हुई।
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि खाद्य तेलों की कीमतें कंपनियों बढ़ाती जा रही हैं। लेकिन, इस तरफ सरकार का ध्यान बिल्कुल नहीं है। रेट में इतना ज्यादा वृद्धि से व्यापारियों को भी व्यापार करने में परेशानी होती है।