लैब में धूल फांक रही है मिट्टी की जांच रिपोर्ट

कर्मचारियों ने मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कार्ड को कार्यालय में इधर-उधर फेंक दिया है। इसकी वजह से किसान आवश्यकता अनुसार फसल उत्पादन में उर्वरक ¨जक का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 07:15 AM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 07:15 AM (IST)
लैब में धूल फांक रही है मिट्टी की जांच रिपोर्ट
लैब में धूल फांक रही है मिट्टी की जांच रिपोर्ट

प्रयागराज : भूमि के बिगड़ते स्वास्थ्य को लेकर सरकार गंभीर है। मृदा स्वास्थ्य परीक्षण के लिए प्रयागराज से सटे कौशांबी जनपद में भूमि परीक्षण प्रयोगशाला भी खोली गई है। यहां पर जिले भर से जांच के लिए किसानों के खेतों से मिट्टी लाई गई। हालांकि, जांच के बाद किसानों को रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। ऐसे में इस योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है।

मृदा का स्वास्थ्य सुधरे, जरूरत के अनुसार खेत में खाद डाली तो बेहतर उपज हो। इसके लिए वर्ष 2015 से मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत जनपद में भूमि परीक्षण प्रयोगशाला भी बनाई गई। मृदा स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कार्यालय में पांच तकनीकी सहायकों की तैनाती की गई है। इसके अलावा आठ ब्लाक तकनीकी सहायक व 28 प्राविधिक सहायकों की तैनाती की गई है।

इनके जरिए किसानों के खेतों की मिट्टी जांच के लिए जिला मुख्यालय मंझनपुर स्थित भूमि परीक्षण प्रयोगशाला में लाई गई। लेकिन जांच के बाद अधिकतर किसानों को रिपोर्ट कार्ड नहीं भेजा गया। कर्मचारियों ने मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कार्ड को कार्यालय में इधर-उधर फेंक दिया है। इसकी वजह से किसान आवश्यकता अनुसार फसल उत्पादन में उर्वरक ¨जक का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में फसल उत्पादन में लागत अधिक आ रही है। साथ ही मृदा का स्वास्थ्य भी बिगड़ रहा है। पांच माह पहले लिया नमूने, नहीं दिए कार्ड :

कृषि उप निदेशक के निर्देश पर मई व जून माह में मृदा स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। इस दौरान जिला मुख्यालय मंझनपुर स्थित भूमि परीक्षण प्रयोगशाला में मई व जून में 21 हजार से अधिक मृदा नमूने एकत्रित किए गए हैं। जांच के बाद रिपोर्ट कार्ड भी तैयार किया गया है, लेकिन जिन किसानों के खेत के नमूने लिए गए हैं उन्हें रिपोर्ट कार्ड नहीं दिया गया। रिपोर्ट कार्ड को कार्यालय में इधर-उधर फेंक दी गई है। कुछ कार्डों वासबेसिन में भी फेंका गया है। क्या कहते हैं किसान :

मंझनपुर तहसील क्षेत्र के चकसहनुपर गांव की बेला देवी, इंद्रनारायण, रामसखी, शिवराज व रामप्रसाद का कहना है कि मई माह में उनके खेत के मिट्टी का नमूना लिया गया था। मिट्टी की जांच के नाम पर 30 रुपये जमा भी कराया गया, लेकिन रिपोर्ट कार्ड अब तक नहीं दिया गया। इससे किसानों को फसल उत्पादन में परम्परागत तरीके से उर्वरक व ¨जक का प्रयोग कर रहे हैं, जिसकी वजह से मृदा का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। साथ ही फसल उत्पादन में लागत अधिक आ रही है। मिट्टी के इतने नमूनों की हुई जांच :

वर्ष कार्ड की संख्या

2015-16 90431

2016-17 85371

2017-18 106000

2018-19 48482 मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कर रिपोर्ट कार्ड वितरण के लिए कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है। यदि नमूना लेने व कार्ड वितरण करने में किसी प्रकार की गड़बड़ी की गई है तो मामले की जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही भी जाएगी।

- उदयभान ¨सह, कृषि उपनिदेशक।

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