Dussehra Mela of Kaushambi : कौशांबी के ऐतिहासिक कुप्पी युद्ध में भिड़ी राम व रावण की सेना

Dussehra Mela of Kaushambi पहले दिन दोनों सेनाओं के बीच 10-10 मिनट के चार चरण में युद्ध हुआ। युद्ध के बीच लक्ष्मण मेघनाथ युद्ध लक्ष्मण शक्ति लीला सती सुलोचना आदि लीला का संपादन हुआ। युद्ध का संचालन मेला संयोजक मूल प्रकाश त्रिपाठी की देखरेख में कुप्पी युद्ध कराया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 03:52 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 06:37 PM (IST)
Dussehra Mela of Kaushambi : कौशांबी के ऐतिहासिक कुप्पी युद्ध में भिड़ी राम व रावण की सेना
इस बार दोनों दल की सेनाओं सहित आयोजकों ने मास्क लगाकर युद्ध कर युद्ध किया।

प्रयागराज, जेएनएन। कौशांबी जनपद के कस्बा दारानगर में 241 वर्ष से बिना किसी बाधा के लगातार रामलीला महोत्सव एवं दशहरा मेला का आयोजन हो रहा है। इस वर्ष कोविड-19 के चलते तमाम तरह के धार्मिक आयोजन नहीं हो सके।

ऐतिहासिक रामलीला का मुख्य आकर्षण दो दिवसीय कुप्पी युद्ध रविवार से शुरू हुआ। रोमांचक कुप्पी युद्ध को देखने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे। कुप्पी युद्ध में राम दल की सेना लाल व रावण दल की सेना काले वस्त्रों में थी। पहले दिन दोनों सेनाओं के बीच 10-10 मिनट के चार चरण में युद्ध हुआ। युद्ध के बीच लक्ष्मण मेघनाथ युद्ध, लक्ष्मण शक्ति लीला, सती सुलोचना आदि लीला संपन्‍न हुई।

इस वर्ष मेला संयोजक मूल प्रकाश त्रिपाठी की देखरेख में कुप्पी युद्ध कराया गया। कोरोना वायरस के चलते आयोजन में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। कोविड-19 नियमों के तहत कुप्पी युद्ध मैदान को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहले दिन रविवार को युद्ध में रावण की सेना जीती थी। दूसरे दिन सोमवार शाम राम की सेना की विजय हुई। युद्ध से पहले पूरे मैदान को सैनिटाइज किया गया।

दवा का काम करती है रणभूमि की मिट्टी 

दारानगर की रामलीला में दो दिवसीय कुप्पी युद्ध में श्रीराम व रावण की सेना के बीच सात लड़ाई होती है। पहले दिन चार चरणों में लड़ाई होती है। चारों लड़ाई रावण की सेना जीतती है। दूसरे दिन की तीन लड़ाई में राम की सेना विजय प्राप्त करती है।

राम व रावण दोनों ही दल में 10-10 सेनानी होते है युद्ध इतना विकराल होता है कि देखने वालो के रोंगटे खड़े हो जाते है। युद्ध में सेनानी घायल भी हो जाते है। घायल होने वाले लोगों को रणभूमि की मिट्टी लगाया जाता है। मान्यता है कि ये मिट्टी दवा का काम करती है। इसी मिट्टी से घाव ठीक हो जाता है।

युद्ध के बाद गले मिलकर दिया जाता है एकता का पैगाम

भगवान राम की सेना लाल और रावन की सेना काले कपड़े में होती है। आयोजक के सीटी बजाते ही राम व रावण दल के सेनानी एक दूसरे पर टूट पड़ते है। यह देख कर दर्शक रोमांच से भर उठते है। परंपरागत तरीके से हुए इस रोमांचकारी कुप्पी युद्ध में इस बार नजारा थोड़ा बदला हुआ रहा।

कोविड-19 के चलते इस बार दोनों दल की सेनाओं ने मास्क लगाकर युद्ध किया। वर्षों से चली आ रही परंपरा में थोड़ी देर के लिए दो टुकड़ों में बांटी गई राम व रावण की सेना के सैनिक एक- दूसरे के लिए दुश्मन बन जाते है, लेकिन बाद में गले मिल कर वे एकता का पैगाम भी देते हैं।

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