यूपी पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना से जान गंवाने वाले कर्मियों के आश्रितों को मिले 30-30 लाख

चुनाव ड्यूटी में लगे तमाम कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए। संक्रमित होने के बाद 60 कर्मचारियों की मौत हो गई। वैसे उस दौरान दावा तो 95 कर्मचारियों की मौत का किया गया था लेकिन जिला प्रशासन की जांच में 60 के ही प्रमाण पत्र सही पाए गए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 05:26 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 05:26 PM (IST)
यूपी पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना से जान गंवाने वाले कर्मियों के आश्रितों को मिले 30-30 लाख
पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित हुए जिले के 60 कर्मचारियों के आश्रितों को आर्थिक सहायता मिली।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले कर्मियों के आश्रितों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। उस दौरान जिले के 60 कर्मचारियों की मौत हो गई थी। उनके आश्रितों को प्रयागराज के जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने 18 करोड़ रुपये उनके खाते में भेज दिए हैं। अप्रैल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराया गया था। चुनाव के दौरान कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी। इसके बावजूद चुनाव की प्रक्रिया चलती रही। उस दौरान तमाम लोग कोरोना से संक्रमित हो गए थे।

दावा तो 95 कर्मचारियों की मौत का किया गया था

चुनाव ड्यूटी में लगे तमाम कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए। संक्रमित होने के बाद 60 कर्मचारियों की मौत हो गई। वैसे उस दौरान दावा तो 95 कर्मचारियों की मौत का किया गया था लेकिन जिला प्रशासन की जांच में 60 के ही प्रमाण पत्र सही पाए गए। इस दौरान चुनाव में लगे तमाम कर्मचारी के संक्रमित होने से उनके परिवार के लोग भी कोरोना से संक्रमित हो गए थे। इसलिए कइयों ने तो अपने सगे संबंधियों को भी खोया। फिलहाल प्रदेश सरकार की ओर से जिन कर्मचारियों का कोरोना से निधन हुआ है, उनके आश्रितों को मुआवजा दिया गया है। डीएम संजय कुमार खत्री ने बताया कि 60 आश्रितों को उनके खाते में 30-30 लाख रुपये भेजे गए हैं। इसके अलावा उनको विभागीय लाभ भी दिया जाएगा।

कुष्ठ रोगियों से भेदभाव करना गलत : जार्ज

कुष्ठरोग का समय से इलाज मिलने पर मरीज को राहत मिल सकती है। यह छुआछूत की बीमारी नहीं है। कुष्ठ रोगी से भेदभाव करना गलत है। यह बात लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया के तत्वावधान में मानव अधिकार समर्थकों पर कार्यशाला में लेप्रोसी मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर जेम्स जार्ज ने कही। उन्होंने कार्यक्रम एवं वाका प्रोजेक्ट के उद्देश्य को बताया। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट का उद्देश्य कुष्ठ रोग से प्रभावित महिलाओं को बदलाव के कारक के रूप में प्रशिक्षण और सशक्त करना है, ताकि कुष्ठ के प्रति भेदभाव को मिटा सके। एचआरएलएन के समन्वयक अली जयदी ने कुष्ठ से प्रभावित व्यक्ति एवं दिव्यांगजनों को मानवाधिकार पर जागरूक किया। वाका प्रोजेक्ट के चैंपियन कुमारी मोनी और पंकज ने कुष्ठ रोग प्रभावित व्यक्तियों को होने वाली परेशानी, भेदभाव के विषय में बताया।

chat bot
आपका साथी