यह है प्रयागराज का श्रृंगवेरपुर घाट, कोरोना संक्रमण काल में अंत्येष्टि की दर छह गुना कम हुई

सामान्य दिनों में श्रृंगवेरपुर घाट पर 20 से 25 शवों का हमेशा दाह संस्कार होता रहा है। पिछले अप्रैल के अंतिम सप्ताह में शवों की संख्या बढ़कर 100 से अधिक हो गई थी। मई महीने में लगातार अंत्येष्टि की संख्या दिन-प्रतिदिन घटती रही।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 03:06 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 03:06 PM (IST)
यह है प्रयागराज का श्रृंगवेरपुर घाट, कोरोना संक्रमण काल में अंत्येष्टि की दर छह गुना कम हुई
श्रृंगवेरपुर घाट पर अप्रैल के अंतिम सप्ताह में घाट पर सौ से अधिक शवों का अंतिम संस्‍कार होता था।

प्रयागराज, जेएनएन। पौराणिक एवं ऐतिहासिक श्रृंगवेरपुर घाट पर इन दिनों शवों के अंतिम संस्कार किए जाने में बड़े पैमाने पर गिरावट आई है। पिछले माह के अंतिम सप्ताह में शवों की अंत्येष्टि किए जाने की कतार लगती रही। दाह संस्कार के दौरान जहां शव जलाए जाते रहे, वहीं लकड़ी की किल्लत और असमर्थता के कारण प्रतिदिन दर्जनों शव गंगा की रेत में दफन कर दिए गए। हालांकि पिछले एक पखवारे से प्रतिदिन शवों के अंतिम संस्कार किए जाने की संख्या कई गुना घट गई है।

कोरोना काल में अंत्येष्टि को लोगों को हो रही परेशानी

श्रृंगवेरपुर धाम को ब्लाक का दर्जा मिल गया है। यहां केंद्र एवं प्रदेश की सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर तमाम तरह का विकास किया है। श्रृंगवेरपुर घाट पर अंत्येष्टि करने का विशेष महत्व होने के कारण लगभग पांच जनपद के शवों का यहां दाह संस्कार किया जाता है। इसके लिए श्मशान घाट पर टीन शेड के तीन शवदाह गृह बनाए गए हैं। जिनका बरसात के दो माह में ही प्रयोग किया जाता है। शवों के अंतिम संस्कार किए जाने के लिए श्रृंगवेरपुर घाट पर समुचित व्यवस्था न होने से कोरोना संक्रमण काल में अंत्येष्टि करने के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

सामान्‍य दिनों में 25 शवों का होता था दाह संस्‍कार

सामान्य दिनों में श्रृंगवेरपुर घाट पर 20 से 25 शवों का हमेशा दाह संस्कार होता रहा है। पिछले अप्रैल के अंतिम सप्ताह में शवों की संख्या बढ़कर 100 से अधिक हो गई थी। मई महीने में लगातार अंत्येष्टि की संख्या दिन-प्रतिदिन घटती रही। शुक्रवार को आम दिनों से भी कम होकर महज 14 शवों का ही दाह संस्कार हुआ। पंडा समाज के रमेश त्रिपाठी (गोधन पंडा), शिवाकांत, दूध नाथ मिश्रा, मुन्ना पंडा, लालाराम पंडा, बबलू पंडा और सुखराम त्रिपाठी ने श्रृंगवेरपुर घाट पर इलेक्ट्रॉनिक शवदाह गृह बनाए जाने की मांग उठाई है। निर्मल बाबा का कहना है कि प्रभु श्रीराम की कर्मभमि श्रृंगवेरपुर के विकास कर केंद्र एवं प्रदेश सरकार ने पुनीत कार्य किया है। रामायण सर्किट हाउस, पक्के घाट, नवसृजित श्रृंगवेरपुर ब्लॉक, सड़कों का चौड़ीकरण और निषादरज पार्क जैसे तमाम विकास कार्य अभी भी चल रहे हैं।

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