Allahabad University समेत संघटक काॅलेजों में नया सत्र पटरी पर लाना चुनौती होगी, जानिए- क्या है इसकी वजह

स्थगित की गई परीक्षाएं 30 अप्रैल से प्रस्तावित हैं। परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेंद्र कुमार सिंह की तरफ से इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया गया। हालांकि अब तक परीक्षा का कार्यक्रम नहीं जारी किया जा सका। ऐसे में 30 अप्रैल से प्रस्तावित परीक्षा को लेकर भी संशय है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 08:45 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 08:45 AM (IST)
Allahabad University समेत संघटक काॅलेजों में नया सत्र पटरी पर लाना चुनौती होगी, जानिए- क्या है इसकी वजह
इलाहाबाद विश्वविद्यालय और संघटक कॉलेजों में नए सत्र को नियमित करना चुनौती भरा होगा।

प्रयागराज, जेएनएन।  इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) समेत संघटक कॉलेजों में नया सत्र 2021-22 पटरी पर लाना बड़ी चुनौती होगी। इसका मुख्य कारण है कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर। लगातार हालत बिगड़ते ही जा रहे हैं। इस लिहाज से परीक्षा सम्पन्न कराना ही पहली चुनौती है।

30 अप्रैल से प्रस्तावित हैं परीक्षाएं

इविवि समेत कॉलेजों में ऑनलाइन मोड में परीक्षाएं कराई जा रही थीं। परीक्षा के पहले दिन ही तकनीकी खामियों की वजह से इविवि में जमकर हंगामा हुआ था। परीक्षार्थियों ने परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का घेराव कर दिया था। अंत में विज्ञान संकाय के जेके इंस्टीट्यूट में विवि प्रशासन को कॉपियां जमा करानी पड़ीं।

अचानक निरस्त कर दी गईं परीक्षाएं

नौ अप्रैल को भी उत्तर पुस्तिका जमा करने को लेकर छात्रों ने हंगामा किया था। इसी बीच कोरोना के मामले में तेजी आने पर कुलपति ने आपात बैठक की और सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी। हालात तो यह हैं कि अब तक 100 से अधिक शिक्षक और कर्मचारी कोरोना संक्रमित हैं। इनमें कई प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं।

अब हॉस्टलों को खाली कराने का फरमान

इसी बीच कुलपति के निर्देश पर असिस्टेंट रजिस्ट्रार देवेश कुमार गोस्वामी ने एक पत्र डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर केपी सिंह को भेजा। इसमें कहा गया कि सभी हॉस्टलों को खाली करा दिए जाएं। जिससे हॉस्टलों को कोविड वार्ड में बदला जा सके। इसके पीछे अस्पताल के हालात के भी जिक्र किए गए। हालांकि, अभी तमाम हॉस्टल खाली नहीं हुए।

स्‍थगित परीक्षाओं का परीक्षा नियंत्रक ने नोटीफिकेशन भी जारी किया था

स्थगित की गई परीक्षाएं 30 अप्रैल से प्रस्तावित हैं। परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेंद्र कुमार सिंह की तरफ से इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया गया। हालांकि, अब तक परीक्षा का कार्यक्रम नहीं जारी किया जा सका। ऐसे में 30 अप्रैल से प्रस्तावित परीक्षा को लेकर भी संशय है। यही नहीं नए सत्र में समय से प्रवेश प्रक्रिया शुरू कराना भी बड़ी चुनौती है। हालात यह हैं कि अब तक पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया लापरवाही की वजह से शुरू नहीं हो सकी।

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