'उड़ता पंजाब की राह पर प्रयागराज का पाठा इलाका, तस्करी की शराब और गांजा से नशा कर रहे बिगड़ैल युवा

इस क्षेत्र में इन दिनों अंतरराज्यीय तस्करों का गिरोह सक्रिय हो गया है। ये तस्कर मध्य प्रदेश से मादक पदार्थ तस्करी कर लाते हैैं और यहां बिक्री करते हैैं। मध्य प्रदेश के रीवा जिले की प्रयागराज की सीमा से सटी बाजारों की दुकानों से शराब की तस्करी की जा रही है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 06:00 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 06:00 PM (IST)
'उड़ता पंजाब  की राह पर प्रयागराज का पाठा इलाका, तस्करी की शराब और गांजा से नशा कर रहे बिगड़ैल युवा
पिछले दिनों नारीबारी पुलिस ने रविवार को 44 किलो गांजा बरामद किया था।

प्रयागराज, जेएनएन। यमुनापार के कोरांव, बारा, शंकरगढ़, कौंधियारा, नारीबारी, खीरी, लेडिय़ारी इलाके को प्रयागराज का पाठा कहा जाता है। इसीलिए इस क्षेत्र को बुंदेलखंड का दर्जा भी प्राप्त है। प्रयागराज का पाठा अब 'उड़ता पंजाबÓ की राह पर है। इस क्षेत्र में इन दिनों अंतरराज्यीय तस्करों का गिरोह सक्रिय हो गया है। ये तस्कर मध्य प्रदेश से मादक पदार्थ तस्करी कर लाते हैैं और यहां बिक्री करते हैैं। यही नहीं मध्य प्रदेश के रीवा जिले की

प्रयागराज की सीमा से सटी बाजारों की दुकानों से शराब की तस्करी की जा रही है। 

एमपी से भी हो रही है गांजा तस्करी

पिछले दिनों नारीबारी पुलिस ने रविवार को 44 किलो गांजा बरामद किया था। यह गांजा मध्य प्रदेश से बोलेरो  में लाया जा रहा था। अंतरराज्यीय तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई थी। गांजा के इस खेप की कोरांव, मेजा और बारा क्षेत्र में ही बिक्री होनी थी। तस्करों के कई गिरोह मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त हैैं। ये गिरोह मध्य प्रदेश से मादक पदार्थ लाते हैैं और यमुनापार के स्थानीय बाजारों में इसकी बिक्री करते हैैं। इसके लिए बाकायदा एजेंट बनाए गए हैैं। जो इसे बेचते हैैं। मादक पदार्थों को खरीदने वाले बड़ी तादाद में युवा ही हैैं। 

बिक रही है तस्करी की शराब 

कोरांव, देवघाट, गलडिहवा, अल्हवा, महुली, संसारपुर, खीरी, कोहड़ार, लेडिय़ारी इलाके में मध्य प्रदेश की शराब की बिक्री हो रही है। टोंस और बेलन नदियों के किनारे बसे गांवों में देसी शराब भी उतारी जा रही है। भट्ठियां दिन में ही धधकती हैैं। खीरी के पाल पट्टी, झडिय़ाही, कचरा, पिपरांव, खरका खास, छापर, कौदी आदि गांवों में देसी शराब केमिकल मिलाकर बनाई जा रही है, जिसे स्थानीय स्तर पर बेचा जाता है। पुलिस को सब जानकारी है मगर कार्रवाई नहीं की जाती है। कभी कभार एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की टीम ही कार्रवाई करती हैैं। 

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