फिनलैंड की ड्रेजिंग मशीनों से होगी यमुना में खोदाई

फिनलैंड से आई मशीनों से यमुना में जहां पानी कम होगा, वहां गहराई बढ़ाकर जलस्तर मेंटेन किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 01:44 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 01:44 PM (IST)
फिनलैंड की ड्रेजिंग मशीनों से होगी यमुना में खोदाई
फिनलैंड की ड्रेजिंग मशीनों से होगी यमुना में खोदाई

प्रयागराज : प्रयागराज-नई दिल्ली जलमार्ग को शुरू कराने के लिए फिनलैंड की ड्रेजिंग मशीनों से यमुना की खोदाई कराई जाएगी। कोच्चि से जलमार्ग से मंगाई गई दोनों ड्रेजिंग मशीनों की फिटनेस की जांच शुरू हो गई है। यमुना के जलस्तर के सर्वे का काम भी शुरू होने वाला है। इसके लिए पटना से टीम आ गई है।

फिनलैंड से आई मशीनों से यमुना में जहां पानी कम होगा, वहां गहराई बढ़ाकर जलस्तर मेंटेन किया जाएगा। दरअसल, पर्यटकों के लिए छोटे पानी जहाजों के संचालन के लिए लगभग डेढ़ मीटर और छह सौ टन के मालवाहक छोटे पानी के जहाजों के लिए दो मीटर जलस्तर होना आवश्यक है। यमुना में कई स्थानों पर पानी कम है। जहां भी जलस्तर दो मीटर से कम है, वहां इन्हीं मशीनों से ड्रेजिंग कराई जाएगी। आगरा, मथुरा व इटावा में ऐसी स्थिति है कि वहां इस समय मालवाहक छोटे जहाज भी नहीं चल सकते।

प्रयागराज में पालपुर में यमुना की दो धाराएं हो जाती हैं, इसलिए यहां भी जलस्तर कम हो जाता है। ऐसे में यहां भी ड्रेजिंग कराई जाएगी। इसके लिए अभी आठ और ड्रेजर मशीनों की आवश्यकता है। वैसे अभी प्रयागराज से कौशांबी के असरावल कला तक जलस्तर दो मीटर से ज्यादा ही है। जलस्तर के सर्वे के लिए भी मशीन आ चुकी है। पटना से भारतीय अंदरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण की टीम भी आ चुकी है। ये टीम फिनलैंड की ड्रेजर मशीनों की फिटनेस की पड़ताल करने के साथ ही जलस्तर का सर्वे भी करेगी। 70 लीटर प्रति घंटे है खपत :

फिनलैंड की बनी ड्रेजर मशीनों में डीजल की ज्यादा खपत है। बड़ी मशीन में 70 लीटर प्रति घंटा डीजल जल जाता है जबकि छोटी मशीन में 60 लीटर प्रति घंटा डीजल का खर्च आता है। भारत में बनी ड्रेजिंग मशीनों में ज्यादा से ज्यादा 40 लीटर प्रति घंटा डीजल खर्च होता है। फिनलैंड की मशीनों की खासियत यह है कि ये एक बार में पांच मीटर लंबी दूरी तक खोदाई कर सकती हैं। इसके अलावा इसमें दो सिस्टम हैं। एक तो आगे ब्लेड लगे होते हैं जो स्विंग करते हैं और तेजी के साथ खोदाई करते हैं। दूसरा खोदाई के दौरान पानी को उसी ओर खींचता है जिससे दोबारा उस स्थान पर मिंट्टी अथवा बालू न जम सके।

chat bot
आपका साथी