Business News: शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स कंपनी का प्रारूप तैयार, जल्द शुरू होगा उत्पादन

सरकार ने फैक्ट्री संचालन के लिए जीईटी एंड डी इंडिया लिमिटेड को 99 वर्ष के लीज पर जमीन दी थी। कंपनी प्रबंधन ने फैक्ट्री हैदराबाद की कंपनी शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड को बेच दिया था। पहली बार लाकडाउन के दो दिन पहले कंपनी उत्पादन बंद कर दिया गया था।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 07:35 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 07:35 AM (IST)
Business News: शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स कंपनी का प्रारूप तैयार, जल्द शुरू होगा उत्पादन
फैक्ट्री संचालन के लिए सरकार ने लीज पर दी जमीन, पहले की तरह बनेंगे बड़े ट्रांसफार्मर

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। नैनी में शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स कंपनी का प्रारूप तैयार हो गया है। कंपनी के जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इससे उन कर्मचारियों में फिर से आशा की नई किरण जगी है, जो कर्मचारी जीईटी एंड डी इंडिया लिमिटेड के बंद होने से निराश थे। नई कंपनी में पहले की तरह ही पावर यानी बड़े ट्रांसफार्मर बनेंगे।

कंपनी के जल्द चालू होने की उम्मीद

सरकार ने फैक्ट्री संचालन के लिए जीईटी एंड डी इंडिया लिमिटेड को 99 वर्ष के लीज पर जमीन दी थी। लेकिन, कंपनी प्रबंधन ने फैक्ट्री को तेलंगाना, हैदराबाद की कंपनी शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड को बेच दिया था। पहली बार लाकडाउन होने के दो दिन पहले कंपनी द्वारा उत्पादन बंद कर दिया गया था। अब सरकार द्वारा लीज की जमीन शिरडी साईं को हस्तानांतरित करने के निर्णय से कंपनी के जल्द चालू होने की उम्मीद है।

218 नियमित कर्मचारियों समेत 250 का रहेगा स्टाफ

जीई इंप्लाइज यूनियन के मंत्री प्रताप नारायण मंगलम ने बताया कि कंपनी का प्रारूप तैयार हो गया है। अन्य औपचारिकताएं भी पूरी कर ली जाएंगी। समान सेवा शर्तों के साथ 218 नियमित कर्मचारी रखे जाएंगे। मैनेजमेंट स्टाफ को मिलाकर संख्या करीब 250 हो जाएगी। लगभग चार-पांच सौ संविदाकर्मी जिन्हें पहले कंपनी ने निकाल दिया था, उन्हें भी रखे जाने की उम्मीद है। बताया कि पहले भी पावर ट्रांसफार्मर बनते थे, अब भी बनेंगे। जुलाई-2021 को कंपनी को फिर से चालू करने के लिए कर्मचारी संघ और कंपनी प्रबंधन के बीच समझौता हुआ था। वहीं, यूनियन के पदाधिकारियों ने नैनी क्षेत्र की बंद अन्य कंपनियों को चालू करने एवं नए उद्योगों को लगाने की मांग प्रदेश व केंद्र सरकारों से की हैं, ताकि प्रयागराज का गौरव फिर से लौट सके।

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