Dr Kafeel Khan: गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफील के निलंबन पर हाई कोर्ट का सरकार से सवाल

Dr. Kafeel Khan इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. कफील अहमद खान को चार साल से निलंबित क्यों रखा है। पांच अगस्त तक उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से जवाब मांगा है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 03:22 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 03:22 PM (IST)
Dr Kafeel Khan: गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफील के निलंबन पर हाई कोर्ट का सरकार से सवाल
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा

प्रयागराज, जेएनएन। गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण बच्चों की मौत के मामले में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान के निलंबन पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल पूछा है। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने सोमवार को मामले में सुनवाई के दौरान की। करीब चार वर्ष से निलंबित चल रहे विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान के निलंबन के कारण पर कोर्ट ने पांच अगस्त तक उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से जवाब मांगा है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. कफील अहमद खान को चार साल से निलंबित क्यों रखा है। इनके खिलाफ जो भी आरोप लगे हैं, उन मामलों में विभागीय कार्यवाही पूरी क्यों नहीं की जा सकी। कोर्ट ने पांच अगस्त तक जानकारी मांगी है।

इस प्रकरण में याचिका दाखिल करने वाले डॉ. कफील खान का कहना है कि उनको 22 अगस्त 2017 को बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज के बाल रोग अस्पताल में आक्सीजन आपूर्ति मामले में निलंबित किया गया। इसके बाद जांच प्रक्रिया शुरू की गई है। अब तक यह जांच पूरी नहीं होती देख याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने सात मार्च 19 को तीन माह में कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया था। जिस पर 15 अप्रैल 19 को रिपोर्ट पेश की गई है। इस पर 11 माह बाद 24 फरवरी 20 को जांच रिपोर्ट स्वीकार कर दो बिंदुओं पर दोबारा जांच का आदेश दिया है।

गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में आरोपित डॉ. कफील खान लम्बे समय तक जेल में रहे। अब उनकी मांग है कि उत्तर प्रदेश सरकार अगर उनकी नौकरी पर फिर से नौकरी पर बहाली नहीं करती है तो नौकरी से निकाल ही दे ताकि वो अपना कुछ कर सकें। उनका आरोप है कि उनके साथ जेल गए नौ में से आठ लोग नौकरी पर बहाल हैं, लेकिन मेरे खिलाफ नौ जांच कराई गई है। चार केस दर्ज हैं, लेकिन किसी में चार्ज नहीं लगाए गए। सरकार ने जनवरी 2021 में मुझे हिस्ट्रीशीटर बना दिया। मेरे खिलाफ अलीगढ़, बहराइच, गोरखपुर की कोर्ट में केस चल रहे हैं। मैंने सभी को चैलेंज भी किया है। 

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