Dr Bansal Murder Case: ​​​​​पढ़ाई के दौरान क्रिमिनल गैंग से जुड़ गया था शूटर अबरार

अबरार मुल्ला उर्फ अबरार खान पुत्र अब्दुल रफीक ने शहर के केपी कालेज में पढ़ाई की थी। कालेज के पीछे ही आजाद नगर है। उस दौरान क्रिकेट मैच खेलने और जमात के दौरान उसकी मुलाकात शातिर बदमाश यासिर व जावेद उर्फ जब्बा निवासी भुलियापुर से हो गई

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 07:30 AM (IST)
Dr Bansal Murder Case: ​​​​​पढ़ाई के दौरान क्रिमिनल गैंग से जुड़ गया था शूटर अबरार
डा. बंसल हत्याकांड के बाद से फऱार शूटर को एसटीएफ ने किया था गिरफ्तार

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के बहुचर्चित डा. एके बंसल हत्याकांड में एसटीएफ लखनऊ द्वारा पकड़ा गया बदमाश अबरार मुल्ला प्रतापगढ़ शहर के आजाद नगर मोहल्ले का रहने वाला है। वह छात्र रहने के दौरान ही बदमाशों के संपर्क में आने के बाद उनके गिरोह में शामिल होकर जरायम की दुनिया में कूद गया था।

क्रिकेट और जमात के जरिए अपराधियों से हुआ संपर्क

अबरार मुल्ला उर्फ अबरार खान पुत्र अब्दुल रफीक ने शहर के केपी कालेज में पढ़ाई की थी। कालेज के पीछे ही आजाद नगर है। उस दौरान क्रिकेट मैच खेलने और जमात के दौरान उसकी मुलाकात शातिर बदमाश यासिर व जावेद उर्फ जब्बा निवासी भुलियापुर से हो गई। इसके बाद वह शोएब निवासी आजाद नगर और मकसूद निवासी घरौरा थाना लालगंज जैसे शातिर अपराधियों के संपर्क में आ गया। उस समय से यह उनके साथ अपराध करने लगा था। हालांकि, उसका पहली बार डा. बंसल हत्याकांड में ही नाम सामने आया था। वह तब से पुलिस को चकमा देते हुए फरार चल रहा था। प्रयागराज पुलिस व एसटीएफ उसके पीछे लगी थी, लेकिन वह मिल नहीं रहा था।

एक हत्याकांड में ही अब तक आय़ा नाम

डाक्टर बंसल कांड के कुछ समय बाद ही अबरार के करीबी साथी यासिर को पैसे के लेनदेन के विवाद में शोएब और उसके साथियों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। गैंगवार की यह घटना पुलिस को बदमाशों के करीब पहुंचने में काफी मददगार साबित हुई। इस बीच करीब चार महीने पहले अप्रैल महीने में शोएब को एसटीएफ लखनऊ की टीम ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। उससे हुई पूछताछ में शातिर अबरार के बारे में एसटीएफ को कुछ ठोस क्लू मिला था। इसी के आधार पर उसे पकड़ा जा सका। अब पुलिस उसके व उसके गिरोह के बारे में गहराई से पता लगा रही है। उसकी क्राइम हिस्ट्री खोजी जा रही है। इस गिरफ्तारी के बारे में एसटीएफ लखनऊ के इंस्पेक्टर हेमंत भूषण सिंह का कहना है कि अबरार मुल्ला का नाम अब तक डा. बंसल हत्याकांड में ही आया है। इसके अलावा और कोई अपराधिक इतिहास अब तक नहीं मिला है।

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